सिटी पोस्ट LIVE – 24 सीटों पर होने वाले MLC चुनाव में धन-बल का खूब खेल पर्दे के पीछ से चला है। यह सभी जानते हैं कि अनंत सिंह को इस मामले में मात देना मुश्किल है। अनंत सिंह जेल में हैं। बुधवार को जेल में अनंत सिंह के बैग से मोबाइल भी बरामद हुआ है . RJD के बाहुबली अनंत सिंह ने जेल में रहकर ही पटना से अपने प्रत्याशी कार्तिकेय कुमार पर जीत की माला डलवा दी। NDA की ओर से यहां वाल्मीकि सिंह मैदान में थे। यह सीट सभी 24 सीटों में सबसे हॉट मानी जा रही थी। इसकी वजह प्रदेश की राजधानी की सीट होना है और पटना में पूरी सरकार बैठती है। इसलिए इसे NDA की बड़ी हार मानी जा रही है।
इस सीट से RJD की तरफ से दो दावेदार थे। पहले दावेदार- अनंत सिंह के सहयोगी कार्तिकेय कुमार उर्फ मास्टर और दूसरे दावेदार- रीतलाल यादव के भाई, लेकिन अनंत सिंह ने लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव से कह दिया था कि मैं चुनाव जीत कर दिखाऊंगा। इसकी वजह से कार्तिकेय कुमार को टिकट मिल गया था।
अनंत सिंह के कांफिडेंस को देखते हुए ही यह सीट उनके सहयोगी कार्तिकेय कुमार को दे दी गई थी और MLC रीतलाल यादव को अन्य आश्वासन देकर मना लिया गया था। कुछ दिन पहले अनंत सिंह और रीत लाल यादव का वह वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें रीतलाल यादव और अनंत सिंह के बीच का स्नेह दिख रहा था।
उसमें रीत लाल यादव अनंत सिंह के गले में पड़ी सोने की चेन मांग रहे हैं और अनंत सिंह कह रहे हैं कि खोल लीजिए। अनंत फिर कहते हैं कि हाथ में पहना हुआ सोने का ब्रेसलेट ही ले लीजिए। रीतलाल कहते हैं कि वे खोल कर नहीं लेते हैं।
बड़ी बात यह कि RJD ने भूमिहार जाति के कार्तिकेय कुमार को टिकट दिया और उन्हें समर्थन RJD के यादव जाति के MLC रीत लाल यादव ने किया। यादव और भूमिहार की ताकत शायद ही किसी अन्य सीट पर इस तरह से देखने को मिली है। RJD के कार्तिकेय कुमार को 1835, कर्मवीर यादव उर्फ लल्लू मुखिया को 1657 और JDU के वाल्मीकि सिंह को 1381 वोट मिले।
अनंत सिंह जेल में रहकर ही विधान सभा का चुनाव मोकामा से जीतते रहे हैं। वे अभी RJD के विधायक हैं। 2015 से पहले अनंत सिंह, नीतीश कुमार के करीबी थे। 2015 में अनंत सिंह के पास लगभग 28 करोड़ रुपए की संपत्ति थी। वर्ष 2020 में यह 68 करोड़ के पार पहुंच गई। अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी 1.20 करोड़ से अधिक रिटर्न फाइल करती हैं।