सिटी पोस्ट LIVE – प्रशासन होते है आम जानो के रक्षा के लिए लेकिन जब वही मूकदर्शक बन जाये अपराध होते समय तो आम अवाम का क्या होगा बिहार के भोजपुर जिले में पार की गयी दबंगो के द्वारा सारी हदे कानून को भूलकर दलित युवक के साथ मारपीर पुलिस भी बनी रही मूकदर्शक बिहार के भोजपुर जिले में लड़की के मामले में दो पक्षों के बिच खून खराबा पुलिस के सामने ही पहले तीन-चार लोग एक दलित युवक पर लाठी-डंडे और ईंट से हमला कर रहे हैं। युवक को सड़क पर दौड़ा-दौड़ाकर पीटते हैं। पुलिस बनी रही मूकदर्शक इसी दौरान दूसरे पक्ष के लोग भी आ जाते हैं। फिर दोनों पक्षों में जमकर मारपीट होती है। पुलिस रोकने की कोशिश करती है, लेकिन वे नहीं मानते हैं।।
मामला जिले के मुफ्फसिल इलाके के पिरौटा गांव की है। खूनी संघर्ष 30 मार्च को हुआ था। मामला अब सामने आया है। इसके बाद से राजनीति शुरू हो गई है। पूर्व मुख्यमंत्री जीतन मांझी ने ट्विट करके इस पर सवाल उठाए हैं और पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई की मांग की है।
साल 2019 में पिरौटा गांव निवासी संतोष राम की बेटी गायब हो गई थी। इसको लेकर परिवार वालों ने गांव के ही युवक पर अपहरण का केस किया था। मामला अभी न्यायालय में चल रहा है। लेकिन केस सुलह कराने के लिए दोनों पक्षों में पूर्व से मारपीट होती आ रही है।
उधर दूसरे पक्ष के लोगों ने आरोप लगाया कि उनके घर के रास्ते में इन लोगों ने गोबर रख दिया गया था। इसको लेकर उनके बीच पहले तीखी नोकझोंक हुई। देखते-देखते बात बढ़ गई, जिसके बाद मारपीट हो गई।
इस खूनी संघर्ष में पिरौटा गांव निवासी गामा राम, उसका बेटा राधा किशुन राम, पत्नी जोनिहा देवी, चंद्रभान राम, उसकी पत्नी विमला देवी, दो पुत्र चंदन, नंदन राम, चांद किशोर राम का बेटा राजकुमार, इंद्रजीत एवं दूसरे पक्ष से पिरौटा गांव निवासी भोला शंकर राय के तीन पुत्र छोटू कुमार, अंकित एवं बिट्टू कुमार शामिल हैं।घटना के बाद अब पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी का बयान सामने आया है। मांझी ने कहा है कि ‘दलित बेटियों को उठा लो, केस करें तो उठाने के लिए जानलेवा हमला करो। उस घटना पर किसी तथाकथित हिन्दुवादी संगठनों/नेताओं की जबान खुलेगी या फिर गूंगे हो जाओगे।’ उन्होंने भोजपुर SP विनय तिवारी से मामले में शामिल लोगों और मूकदर्शक पुलिसकर्मियों पर अविलंब कार्रवाई करने की मांग की है।