रांची: चैत्र नवरात्र का अनुष्ठान दो अप्रैल से प्रारंभ होगा। मां दुर्गा के भक्त 10 अप्रैल को चैत्र नवरात्र के अनुष्ठान की पूर्णाहुति करेंगे। 10 अप्रैल को ही रामनवमी का भी त्योहार मनाया जाएगा।
पुजारी रामदेव पाण्डेय ने बताया है कि दो अप्रैल को चैत्र नवरात्र के प्रथम दिन पूरे विधि विधान के साथ माता के मंदिर के गर्भ गृह में मंदिर प्रबंधन समिति नवरात्र के कलश की स्थापना करेगी। मंदिर के प्रथम कक्ष तथा परिक्रमा बरामदे में श्रद्धालु भक्तों के द्वारा नवरात्र के कलश स्थापित किए जाएंगे। चैत्र नवरात्र की पूर्णाहुति के दिन मंदिर परिसर में अवस्थित यज्ञशाला में हवन का अनुष्ठान होगा।
चैत्र नवरात्र के प्रथम दिन से ही भगवती की उपासना के लिए दुर्गा सप्तशती का पाठ प्रारंभ हो जाएगा। नौ अप्रैल को महाष्टमी का उपवास होगा। नौ अप्रैल की रात 10:26 बजे के पश्चात महाअष्टमी के गमन तथा महानवमी के आगमन के बीच चैत्र नवरात्र की संधि बलि दी जाएगी। 10 अप्रैल को कलश विसर्जन तथा हवन के पश्चात चैत्र नवरात्र के अनुष्ठान की पूर्णाहुति होगी।
रामनवमी 10 अप्रैल को ही मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम के जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में रामनवमी का त्योहार मनाया जाएगा। रामदेव पाण्डेय ने बताया कि इस वर्ष चैत्र नवरात्र में भगवती का आगमन घोड़े पर हो रहा है, जबकि भगवती हाथी पर सवार होकर विदा होगी। चैत्र नवरात्र में इस वर्ष मां दुर्गा की विदाई को शुभ माना जा रहा है। माना जाता है कि नवरात्र में मां दुर्गा का आगमन या विदाई अगर हाथी पर होता है, तो उस वर्ष अच्छी बारिश होती है।