सिटी पोस्ट लाइव : भारत सरकार द्वारा भोजपुरी भाषा को भारतीय संविधान के आठवीं अनुसूची में शामिल कराने एवं झारखण्ड सरकार के द्वेषपूर्ण नीति के ख़िलाफ़ भोजपुरी जन जागरण अभियान द्वारा जंतर मंतर पर 16 वाँ एक दिवसीय धरना प्रदर्शन का आयोजन किया गया। इस धरना का नेतृत्व संगठन के अध्यक्ष डाॅ० संतोष पटेल ने किया। धरना के समापन के बाद राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री एवं गृहमंत्री को ज्ञापन दिया गया।
इस धरना प्रदर्शन में देश के कई प्रदेशों से लोग भाग लिए। जदयू नेता आशीष रंजन ने झारखण्ड सरकार के द्वारा धनबाद बोकारो में भोजपुरी मगही भाषा के साथ लिए जा रहे भेदभाव पर अपना विरोध जताया एवं कहा की झारखण्ड सरकार को जल्द से जल्द इस तुग़लकी फ़रमान को वापिस लेना चाहिये नहीं तो विरोध का दायरा बढ़ाते हुए पूरे झारखण्ड को बंद करने का भी काम किया जायेगा ।भोजपुरी फिल्म अभिनेता एवं कवि अभिषेक भोजपुरिया ने भोजपुरी के संवैधानिक मांग के जरुरत पर प्रकाश डाला वहीं अध्यक्ष डॉ.संतोष पटेल ने इसके ऐतिहासिक पक्ष पर बात रखते हुए कहा कि भोजपुरी को पूरे दुनिया ने मान लिया तथा माॅरिशस तथा नेपाल में मान्यता मिला जबकि मारिशस की सरकार यूएन में भोजपुरी के गीत संगीत को मान्यता दिलाया।
जबकि भारत सरकार इसको कोई महत्व नहीं दे रही। मनोज कुमार सिंह ने इसके पुरातन होने की बात कहते हुए बताया कि भोजपुरी को आइने अकबरी में बक्सरी जबान के नाम से संबोधन किया गया है। पुष्कर कुमार ने अपने भोजपुरी आंदोलन गीतों से सरकार से मांग किया। आज के इस धरना में झरखंड से राजेश भोजपुरिया, छपरा से अभिषेक भोजपुरिया, दिल्ली से देवेन्द्र कुमार, प्रमेन्द्र कुमार सिंह, फाकीर जय, संतोष कुमार यादव (अधवक्ता- सुप्रीम कोर्ट) शिवशंकर राय, नवीन, अनिल, चेतन मिश्रा, रामेश्वर महतो, नागेन्द्र सिंह पटेल, अजय कुमार, डाॅ० राजेश कुमार माँझी, लोको झा (जद यू नेता), सुमित, मालिक राम,ओम कुमार, पार्थ समेत अनेक लोगों ने भाग लिया तथा सभी ने एक सुर में सरकार से भोजपुरी के संवैधानिक मान्यता हेतु आवाज उठाई।