सिटी पोस्ट लाइव :पटना सिटी के गायघाट महिला रिमांड होम मामले की जांच के लिए पटना के एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लों एसआईटी का गठन किया है. उन्होंने इस बात की जानकारी देते हुए बताया कि एसआईटी के कामकाज की समीक्षा पटना पूर्वी के सिटी एसपी करेंगे. एसआईटी का गठन सचिवालय एएसपी काम्या मिश्रा के नेतृत्व में किया गया है.गौरतलब है कि इस रिमांड होम की लड़कियों के यौवन शोषण का मामला सामने आया है.पटना हाईकोर्ट ने इस मामले पर स्वतः संज्ञान लेते हुए कल्याण विभाग और पटना पुलिस को कड़ी फटकार लगाईं थी.अब हाईकोर्ट के आदेश पर जांच के लिए सचिवालय एएसपी काम्या मिश्रा के नेत्रित्व में एसआईटी का गठन किया गया है.
पटना एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लों ने जानकारी देते हुए बताया कि एसआईटी के कामकाज की समीक्षा पटना पूर्वी के सिटी एसपी करेंगे. एसआईटी का गठन सचिवालय एएसपी काम्या मिश्रा के नेतृत्व में किया गया है. इस एसआईटी को महिला रिमांड होम (Mahila Remand Home) से जुड़े मामले की जांच और आरोपियों की गिरफ्तारी के निर्देश दिये गये हैं.एसआईटी में पटना की महिला थाना की अध्यक्ष किशोरी सहचरी के अलावा त्वरित विचारण कोषांग की इंस्पेक्टर आरती जायसवाल, आलमगंज थाना के पुलिस अवर निरीक्षक धर्मेंद्र कुमार, पीएमसीएच टीओपी प्रभारी अमरेंद्र कुमार, महिला थाना की अवर निरीक्षक लूसी कुमारी, महिला थाना की अवर निरीक्षक कुमारी अंचला, शास्त्री नगर की पुलिस अवर निरीक्षक स्मिता कुमारी, आलमगंज थाना की पुलिस अवर निरीक्षक प्रतिमा कुमारी को शामिल किया गया है.
पटना सचिवालय की एएसपी और एसआईटी की कप्तान काम्या मिश्रा इस पूरे मामले में कार्रवाई की जानकारी पटना के एसएसपी को भी देती रहेंगी. पटना पूर्वी के सिटी एसपी भी अपने स्तर पर पूरे मामले की समीक्षा करते रहेंगे और समय-समय पर एसएसपी को जांच के बारे में अद्यतन जानकारी देते रहेंगे. गौरतलब है कि गायघाट स्थित महिला रिमांड होम तब सुर्खियों में आ गया था जब यहां की दो युवतियों ने रिमांड होम की अधीक्षिका (सुपरिटेंडेंट) वंदना गुप्ता पर कई गंभीर आरोप लगाए थे. इसके बाद रिमांड होम की व्यवस्था को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो गये हैं.
मामला सामने आने के बाद समाज कल्याण विभाग ने आनन-फानन में एक टीम गठित कर जांच का दावा करते हुए महिला रिमांड होम की व्यवस्था को क्लीन चिट दे दी थी. लेकिन इस मामले पर पटना हाईकोर्ट ने खुद संज्ञान ले लिया .हाईकोर्ट ने पूरे मामले में पटना पुलिस को फटकार लगाई .हाईकोर्ट के निर्देश दिया था कि पटना पुलिस पूरे मामले की जांच डीएसपी लेवल के अधिकारी से करवाए.लेकिन पटना एसएसपी ने अब इस मामले की जांच का जिम्मा एक तेज तर्रार IPS अधिकारी को सौंप दिया है.