जमीन से सोना निकालने के लिए जमुई पहुंचने वाली है केन्द्रीय टीम.

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सिटी पोस्ट लाइव : अब बिहार के दिन बहुरानेवाला है.केन्द्रीय मंत्री आरसीपी सिंह की पहल पर बिहार के जमुई जिले में सोने की खोज शुरू होनेवाला है.गौरतलब है कि आरसीपी सिंह पिछले सप्ताह ही पटना में कहा था कि बिहार मिनरल्स की खोज उनकी प्राथमिकता है.जमुई जिले में देश का सबसे बड़ा स्वर्ण भंडार मिलने की संभावना है.मंत्री के अनुसार अब जल्द ही यहां उत्खनन के लिए केन्द्रीय टीम भी भी पहुंचने वाली है.

जानकारी के अनुसार उत्खनन के लिए जल्द ही संबंधित विभाग की टीम स्वर्ण भंडार वाले जगह पर आने वाली है. गरीब राज्य कहा जाने वाला बिहार अब जल्द मालामाल होने वाला है. जमुई जिले के जिस जगह पर देश के सबसे स्वर्ण भंडार मिलने की संभावना को देखते हुए केंद्रीय खनन मंत्री प्रह्लाद जोशी ने भी केन्द्रीय टीम भेजे जाने की घोषणा की थी.सूत्रों के अनुसार अब जमुई के लोगों का इंतज़ार ख़त्म होनेवाला है.दरअसल जहां देश का सबसे बड़ा स्वर्ण भंडार होने का खुलासा हुआ है. इलाका नक्सल प्रभावित और पिछड़ा है .लेकिन वहां भूगर्भ में छुपे सोना से सिर्फ बिहार ही नहीं देश की को आर्थिक मजबूती मिलेगी. बीते दिनों केंद्रीय खनन मंत्री प्रह्लाद जोशी ने लोकसभा में यह खुलासा किया था कि देश में जितना स्वर्ण भंडार है, उसमें सबसे बड़ा स्वर्ण भंडार जमुई जिले के सोनो प्रखंड में है.

गौरतलब है कि सोनो प्रखंड के चुरहैत गांव के पास करमटिया में स्वर्ण भंडार होने की बात सामने आई है. केंद्रीय खनन मंत्रालय के अनुसार देश का 44 प्रतिशत सोना जो लगभग 223 मिलियन टन है उसका भंडार होने का सरकार को अनुमान है.सूत्रों से जानकारी मिली है कि वहां के जमीन में छुपे सोने को निकालने के लिए बहुत जल्द ही संबंधित विभाग की टीम पहुंचने वाली है. बताया जा रहा है कि उत्खनन कार्य को लेकर विभाग पूरी तैयारी कर ली है.

जानकारी के अनुसार जमुई जिले के सोनो प्रखंड के चुरहैत गांव के पास करमटिया में पहले भी सोना को लेकर खनन का काम किया गया है. जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की टीम ने 2010-11 में भी यहां जमीन में छेद कर यहां धरती के गर्भ में छिपे सोने के भंडार की मात्रा की जांच के लिए सैंपल इकट्ठा लिया था, बताया जा रहा है कि उक्त रिपोर्ट के आधार पर ही सरकार इस निष्कर्ष पर पहुंची है कि यहां सोने का भंडार है. उससे पहले जीएसआई ने 1983 से 1986 तक करमटिया के क्षेत्र को प्रतिबंधित घोषित किया गया था और यहां स्वर्ण भंडार का उत्खनन किया गया था, लेकिन उत्खनन महंगी होने के कारण उसे बंद कर दिया गया था.

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