सिटी पोस्ट लाइव : 1,000 से ज्यादा बिहारी छात्र यूक्रेन में फंसे हुये हैं.छात्रों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से अपनी वतन वापसी के लिए गुहार लगाई है.गौरतलब है कि यूक्रेन में मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे 1,000 से ज्यादा बिहारी छात्र फंसे हुये हैं.स्टूडेंट्स ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से अपनी वतन वापसी की गुहार लगाई है.यूक्रेन में मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे पटना, पूर्णिया, दरभंगा, छपरा, आरा, बक्सर समेत कई जिलों के छात्र संकट में हैं.. फंसे हुए इन छात्रों और उनके परिजनों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से उनकी सही सलामत वापसी की मांग की है.
यूक्रेन (Ukraine) में ओडेसा नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर रहे बिहारी छात्र (Bihari Students) काफी परेशान हैं. ताजा हालात को देखते हुए यह सभी छात्र अपने वतन और अपने प्रदेश लौटना चाहते हैं. लेकिन, उन्हें हवाईजहाज का टिकट (Flight Ticket) मिलने में काफी दिक्कत हो रही है जिसके चलते इनकी चिंता बढ़ती जा रही है.रूस और यूक्रेन के बीच लगातार युद्ध (Ukraine-Russia War) का खतरा मंडरा रहा है. रूस ने अपने एक लाख से ज्यादा सैनिकों और घातक हथियारों का सीमा पर तैनात कर रखा है. अमेरिका सहित तमाम देशों ने अपने नागरिकों को यूक्रेन छोड़ने की एडवाइजरी जारी की है.
यूक्रेन में बिहार सहित देश भर के करीब 20 हजार छात्र फंसे हुए हैं. इनमें से बिहार के 1,000 हजार छात्र शामिल हैं. छात्रों का कहना है कि वैसे शहर के अंदर किसी प्रकार की दिक्कत नहीं है. लेकिन, हालात नाजुक होते जा रहे है जिससे उनकी चिंता बढ़ती जा रही है इसलिए वो सभी भारत लौटना चाहते हैं.यूक्रेन की राजधानी कीव स्थित भारतीय दूतावास ने एक एडवाइजरी जारी कर कहा है कि यूक्रेन की मौजूदा स्थिति को देखते हुए वहां रह रहे भारतीयों और खास कर छात्रों से अपील है कि यूक्रेन में रहना अगर बहुत जरूरी नहीं हो तो वो वापस लौट सकते हैं.
लेकिन दिक्कत यह है कि भारत आने के लिए कोई फ्लाइट नहीं है और है भी तो टिकट काफी मंहगी है जिसे खरीद पाने में वो असमर्थ हैं. इसलिए छात्र सरकार से अपील कर रहे हैं कि टिकट की दर को कम किया जाए ताकि वो अपने वतन वापस लौट सकें. फरवरी 27 और 28 तक का टिकट उपलब्ध नहीं है.गौरतलब है कि भारत से पहले अमेरिका, ब्रिटेन समेत कई देशों की ओर से अपने नागरिकों को यूक्रेन न जाने की सलाह दी जा चुकी है. यही नहीं, कुछ देशों ने तो अपने दूतावासों से गैर-जरूरी स्टाफ को वापस भी बुलाना शुरू कर दिया है.