सिटी पोस्ट लाइव : यूपी में आज दूसरे चरण के लिए वोटिंग हो रही है। उतर प्रदेश का विधानसभा चुनाव न सिर्फ हार जीत का चुनाव है बल्कि कई बड़े चेहरों के लिए उनके समाज में उनकी स्वीकार्यता का भी इम्तहान है। यूपी विधानसभा चुनाव के दौरान कई चेहरों पर निगाहें टिकी हुई है। स्वामी प्रसाद मौर्या, दारा सिंह चैहान, ओमप्रकाश राजभर सहित दर्जनों बड़े नेताओं के नाम इस फेहरिस्त में है। फिलहाल बात ओम प्रकाश राजभर की करते हैं। सुहेलदेव समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर 18 महीनों तक योगी सरकार में मंत्री रहे फिर लगातार बीजेपी की मुखालफत करते रहे और विधानसभा चुनाव से ठीक कुछ महीने पहले उन्होंने समाजवादी पार्टी से गठजोड़ किया।
ओमप्रकाश राजभर दावा करते हैं कि उनके आने से खेला नहीं खदेड़ा होगा। यूपी से बीजेपी साफ हो जाएगी। ओमप्रकाश राजभर का जो वोटबैंक है वो उनके साथ इस चुनाव में उनके साथ रहता है या नहीं दरअसल इम्तहान इस बात का भी है। राजभर जहुराबाद सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। इस सीट पर लड़ाइ त्रिकोणीय हो गयी है। जाहिर है इस सीट पर ओमप्रकाश राजभर की राह आसान नहीं है। भाजपा ने सुभासपा नेता ओम प्रकाश राजभर के खिलाफ कालीचरण राजभर को चुनाव मैदान में उतारा है। कालीचरण राजभर को जहूराबाद से उम्मीदवार बनाया गया है। वे इस सीट से पहले भी विधायक रह चुके हैं।
ओपी राजभर के सामने भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ने वाले कालीचरण राजभर दो महीने पहले ही भाजपा में शामिल हुए। उन्होंने सपा को छोड़कर भाजपा की सदस्यता ली। कालीचरण राजभर 2002 और 2007 में बीएसपी के टिकट पर जहूराबाद विधानसभा क्षेत्र से विधायक रह चुके हैं। हालांकि बाद में वे समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए। कालीचरण राजभर पिछले चुनाव में सपा के टिकट पर जहूराबाद से चुनाव लड़े थे लेकिन वे तत्कालीन भाजपा और सुभासपा गठबंधन के उम्मीदवार ओम प्रकाश राजभर से चुनाव हार गए थे।
कालीचरण राजभर के इस सीट से चुनाव लड़ने के कारण जहूराबाद में लड़ाई त्रिकोणीय हो गई है। इस सीट पर जहां ओम प्रकाश राजभर और कालीचरण राजभर चुनाव मैदान में हैं तो वहीं पूर्व मंत्री शादाब फातिमा भी यहां से चुनावी ताल ठोंक रही हैं। शादाब फातिमा ने साल 2012 में जहूराबाद से चुनाव लड़ा था और उन्होंने ओम प्रकाश राजभर को चुनाव हराया था। इसके बाद वो अखिलेश कैबिनेट में मंत्री भी रहीं लेकिन 2016 में अखिलेश और शिवपाल के बीच उपजे मतभेद के कारण फातिमा का टिकट काट दिया गया था। हालांकि इस बार के चुनाव में वह बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं।