सिटी पोस्ट लाइव : बिहार के बहुचर्चित बरौनी खाद कारखाना एक बार फिर से शुरू होने जा रहा है. इस साल जून महीने तक इस कारखाने से खाद का उत्पादन (Fertilizer Production) शुरू हो जाएगा. बेगूसराय (Begusarai) स्थित इस कारखाने के चालू हो जाने के बाद बिहार, यूपी, झारखंड, पश्चिम बंगाल के साथ-साथ नॉर्थ-ईस्ट के कई राज्यों को फायदा पहुंचेगा. साथ ही प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर लाखों युवाओं को रोजगार मिलेगा.किसानों को बहुत ज्यादा फायदा होगा.
इस खाद कारखाने की खासियत यह भी है कि इसके उत्पादों के अवशेष से इसी प्लांट के अंदर बिजली उत्पादन भी होगा. पिछले दिनों ही राज्यसभा में बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम और बीजेपी सांसद सुशील कुमार मोदी के एक सवाल पर केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री मनसुख मंडाविया ने बताया था कि बरौनी खाद कारखाना बहुत जल्द ही शुरू होने जा रहा है.मंडाविया के मुताबिक, ‘मोदी सरकार ने 2016 में ही इस कारखाने के जीर्णाद्धार की स्वीकृति दी थी. बरौनी फर्टिलाइजर को बनाने में 8 हजार 388 करोड़ की राशि स्वीकृत की गई थी. 17 फरवरी 2019 को इसका शिलान्यास किया गया था. लेकिन कोरोना महामारी के कारण कारखाना शुरू होने में थोड़ा विलंब हो गया है. इसके बावजूद काम बहुत तेजी से चल रहा है और जून महीने में यहां पर खाद का उत्पादन शुरू हो जाएगा.’
रसायन एवं उर्वरक मंत्री मनसुख मंडाविया ने बीते मंगलवार को ही राज्यसभा में बताया कि बरौनी खाद कारखाना में 95 प्रतिशत काम पूरा हो गया है. इस साल जून महीने से इस कारखाने से उत्पादन शुरू हो जाएगा. यह कारखाना देश के पुराने खाद कारखानों में से एक है.मंडाविया ने बताया कि सरकार का प्रयास है कि देश में खाद जरूरतों को देखते हुए देश में ही पर्याप्त उत्पादन हो. इसी को ध्यान में रख मोदी सरकार ने देश में बंद हुए 5 खाद कारखानों को फिर से चालू करने का फैसला किया था. इससे खाद की कमी तो दूर की ही जाएगी, साथ ही रोजगार के भी कई अवसर पैदा होंगे. किसानों को भी कई तरह के फायदे होंगे.