सिटी पोस्ट लाइव : विशेष राज्य के दर्जे और नीतीश कुमार के जन्म दिन 1 मार्च से पार्टी के सदस्यता अभियान चलाने की घोषणा को लेकर पार्टी में घमासान शुरू हो गया है. अचानक आरसीपी सिंह के खिलाफ जदयू के कई नेताओं के सुर बदल गए। यही नहीं उन्हें नीतीश द्रोही तक कह दिया गया है। जहां पहले जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने निशाना साधते हुए कहा कि खिड़की और दरवाजा क्या होता है. बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलना चाहिए – यही JDU और नीतीश जी की मांग है और ये मांग देश के प्रधानमंत्री से है. ललन सिंह ने यह भी कहा कि कुछ लोग बड़ा सपना देख लेते हैं. पार्टी में सिर्फ नीतीश कुमार ही नेता हैं – जो लोग इस तरह का सपना देख रहे हैं, उनका मानसिक संतुलन ठीक नहीं है.
वहीं JDU संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने आरसीपी सिंह पर बड़ा हमला बोलते हुए ये सवाल खड़ा करने की कोशिश की है.उन्होंने कहा है कि आरसीपी सिंह कई काम ऐसा कर रहे है जो पार्टी लाइन के खिलाफ है. कुशवाहा ने कहा कि उनकी मंशा इसके पीछे क्या है, ये तो वही जानें. लेकिन उनका आचरण पार्टी के खिलाफ दिखता है, जो ठीक नहीं है. जिस तरह का बयान आरसीपी सिंह दे रहे हैं, उसका मतलब क्या है ये आरसीपी सिंह ही बता सकते हैं. आरसीपी सिंह को भी पार्टी के सिस्टम से ही चलना चाहिए, पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं नीतीश जी, उनसे परामर्श लेकर ही सदस्यता अभियान चलाना चाहिए था.
वहीं अब जेडीयू के प्रदेश सचिव हिमांशु पटेल ने तो एक लंबा चौरा पोस्ट कर केंद्रीय मंत्री RCP सिंह को नीतीश द्रोही बता दिया है। उन्होंने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा कि नीतीश कुमार के सेना में “माल महाराज के मिर्जा खेले होली” के राह पर कौन? जो श्री नीतीश कुमार के नीतियों से हटकर सिर्फ झूठा गुणगान कर नीतीश कुमार के लोगों के बीच अपने को स्थापित करने के लिए षड्यंत्र पर षड्यंत्र कर रहा है। विशेष राज्य के मुद्दे पर संजय जायसवाल ‘राजीव प्रताप रूडी जैसे भाजपा नेताओं के सुर में सुर मिलाते हुए नीतीश द्रोही केंद्रीय मंत्री अपने नेता कृपा निधान नीतीश कुमार से अलग लाइन लेकर बयान देते हैं जरा सा भी आंख में पानी नहीं बचा है क्या?
उन्होंने आगे लिखा यूपी चुनाव में पार्टी को आखरी समय तक गठबंधन के लिए लटका कर रखना क्या ?,सिर्फ भाजपा की हठधर्मिता थी कि उसमें भी नीतीश द्रोही केंद्रीय मंत्री का साजिश था इस पर उन्होंने कभी स्पष्टीकरण नहीं दिया जातीय जनगणना के मुद्दे पर भी नीतीश कुमार के नीतियों पर बात नहीं कर सहयोगी दल के इशारे पर अलग बयान देना संगठन महासचिव के रूप में नीतीश कुमार के पुराने समर्थित समर्थकों को हाशिए पर डालकर नीतीश द्रोही केंद्रीय मंत्री ने पार्टी को कमजोर किया. केंद्रीय मंत्री के रूप में बिहार में कितने प्रोजेक्ट दिला रहे हैं या बिहार में सीएसआर फंड दिलाने की कोशिश भी कर रहे हैं क्या? उनके द्वारा विधानसभा चुनाव में वरिष्ठ नेताओं को दरकिनार कर टिकट दिया गया जो बुरी तरह हारे जिसकी भूमिका क्या भाजपा ने रखी थी.
बिहार के सभी लोग जानते हैं कि नीतीश द्रोही जनाधार विहीन केंद्रीय मंत्री स्वयं के दम पर एक चुनाव नहीं जीत सकते हैं क्या इसलिए वह भाजपा के शरण में जाकर भाजपाई हो चुके हैं? इसलिए अपना तो कोई उपलब्धि है ही नहीं ,माननीय श्री नीतीश कुमार के उपलब्धि के सहारे ही नीतीश कुमार के लोगों के बीच घूमने की साजिश कर रहे हैं और नेता बनने की” इसलिए माल महाराज के मिर्जा खेले होली ” बता दें विशेष राज्य के दर्जे को लेकर RCP सिंह ने कहा था कि जिन क्षेत्रों में हम पिछड़े हैं, उसमें सुविधाएं मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि बजट में हर राज्य यह मांग करता है कि उनके लिए भी अलग से व्यवस्था की जानी चाहिए। लेकिन, ऐसा होता है क्या। हमलोग तो विशेष राज्य के दर्जे की मांग को लेकर 2010 से ही लगातार अभियान चला रहे हैं। लेकिन, इतना जरुर है कि हमें सुविधाएं मिलनी चाहिए।
आरसीपी सिंह ने कहा है कि बिहार में अभी और काम करने की जरूरत है। यही नहीं उन्होंने कहा था कि देश का कोई भी ऐसा राज्य नहीं जो विशेष दर्जा नहीं मांग रहा हो. ऐसे में हमें इस बात को समझ लेना चाहिए कि विशेष दर्जे की मांग के बीच कोई खिड़की खोलते हुए बिहार का कैसे विकास किया जाए. हमारी प्राथमिकता है कि बिहार का विकास होना चाहिए. विशेष दर्जे पर बोलने के दौरान आरसीपी सिंह ने बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल के सुर में सुर मिलाते हुए कहा था कि बिहार में अभी और काम करने की जरूरत है. राज्य के युवाओं में उद्योग धंधों की भूख पैदा करने की आवश्यकता है. इस बयान के बाद ही जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह और उपेंद्र कुशवाहा जैसे बड़े नेताओं का बयान सामने आया था।