सिटी पोस्ट लाइव : बिहार में शनिवार की सुबह से नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी एनआइए (National Investigation Agency) ने कुख्यात नक्सली प्रद्युम्न शर्मा, सहदेव यादव, अनिल यादव, प्रमोद मिश्रा और उनके नजदीकी लोगों के ठिकानों पर अलग-अलग जिलों में एक साथ छापेमारी की है. अब तक मिली जानकारी के अनुसार गया, औरंगाबाद, जहानाबाद और नवादा जिलों में एक साथ छापा पड़ा है. सुबह में चर्चा रही कि यह छापेमारी आतंकवाद निरोधी दस्ते यानी एटीएस (Anti Terrorism Squad; ATS) की टीम ने की है. हालांकि, नवादा के एसपी डीएस सांवलाराम ने बताया कि छापेमारी एनआइए की टीम ने की है.
जहानाबाद में दो जगहों पर हुलासगंज थाना के रुस्तमपुर में कुख्यात नक्सली प्रद्युम्न शर्मा और मोकिनपुर में पैक्स अध्यक्ष विकास शर्मा के ठिकानों पर सुबह से ही छापेमारी चल रही है. छापेमारी से लोकल पुलिस को अलग रखा गया है. जहानाबाद एसपी दीपक रंजन ने कहा कि प्रदुमन शर्मा के यहां छापेमारी की सूचना उन्हें भी मिली है. हथियार और आय से अधिक संपत्ति मामले में छापेमारी चल रही है. हुलासगंज के केवला गांव में राजीव शर्मा के यहां भी छापेमारी चल रही है। राजीव शर्मा नक्सली प्रदुमन शर्मा के करीबी बताए जाते हैं.
नवादा जिले के सिरदला थाना क्षेत्र के संपत बिगहा गांव में भी छापामारी हुई है. रजौली के डीएसपी संजय कुमार पांडेय, सिरदला के थानाध्यक्ष आशीष कुमार मिश्रा पुलिस बल के साथ वहां मौजूद हैं. सहदेव का लिंक नक्सलियों से रहा है। सहदेव यादव कुख्यात नक्सली प्रद्युम्न शर्मा का खास सहयोगी रहा है. उसे दो साल पहले प्रद्युम्न के भतीजा के साथ गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था, तब वह नक्सली कमांडर प्रद्युम्न को रुपये पहुंचाने जा रहा था. यहां एक महिला सहित चार अधिकारियों की टीम आई थी. छापेमारी करीब चार घंटे तक चली। यहां सिरदला, मेसकौर और रजौली के थानाध्यक्ष भी मौजूद थे.
मिली जानकारी के अनुसार औरंगाबाद के कासमा में भाकपा माओवादी के शीर्षस्थ नक्सली प्रमोद मिश्रा एवं बंदेया के अनिल यादव के घर छपामारी हो रही है. हालांकि यहां कोई भी पुलिस अधिकारी कुछ भी नहीं बता रहे हैं.औरंगाबाद का इलाका नक्सल गतिविधियों के लिहाज से जहानाबाद और नवादा से अधिक संवेदनशील है.राजीव शर्मा तीन भाई थे। तीनों प्रदुमन सिंह के करीबी थे. वर्ष 2000 में एक भाई रामानंद शर्मा की हत्या माले ने हत्या कर दी थी. 5 वर्ष पूर्व राजीव शर्मा, प्रदुमन सिंह के साथ खिजरसराय में हथियार के साथ पकड़े गए थे. तीसरे भाई कमलेश सिंह पर भी 5 से अधिक नक्सली मामले दर्ज हैं, लेकिन सभी जमानत पर बाहर हैं.