मगध विवि के वीसी के खिलाफ एसवीयू की जांच तेज, जानिये क्या है मामला?

City Post Live

सिटी पोस्ट लाइव : भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे मगध विश्वविद्यालय में कुलपति डॉ.राजेन्द्र प्रसाद की मुश्किलें बढती जा रही हैं.अब उनके खिलाफ स्पेशल विजिलेंस यूनिट(एसवीयू) की जांच जारी रूकेगी. राजभवन ने एसवीयू की इस कार्रवाई के बारे में राज्य सरकार को पत्र लिखकर जांच एजेंसी की कार्रवाई के पहले अपनी अनुमति की आवश्यकता जताई थी. इस पत्र के बाद माना गया था कि जांच, अनुमति की प्रक्रिया या इससे जुड़ी तकनीकी पेचीदगी में उलझ सकती है या यह रूक भी सकती है.लेकिन, ऐसा कुछ हुआ नहीं. एसवीयू ने विश्वविद्यालय में भ्रष्टाचार के मामले में आरोपी कुलपति के खिलाफ अपनी जांच तेज कर दी है.

एसवीयू ने कुलपति के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति और फर्जीवाड़ा के मामले में कार्रवाई की है. भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 (यथा संशोधित 2018) के सेक्शन 17 ए के तहत पूर्वानुमति की आवश्यकता नहीं है. इसी आधार पर कार्रवाई को तेजी से आगे बढ़ाया जा रहा है.करीब 30 करोड़ रुपए के सरकारी राशि के दुरुपयोग के आरोप के बाद एसवीयू ने कुलपति डॉक्टर राजेन्द्र प्रसाद सहित अन्य के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है. भ्रष्टाचार का यह पूरा मामला विवि में उत्तरपुस्तिका व किताबों की खरीद में भ्रष्टाचार से जुड़ा है.

विवि में प्राइवेट सिक्यूरिटी गार्ड के भुगतान में अनियमितता का भी आरोप है. इस मामले में एसवीयू रजिस्ट्रार, प्रॉक्टर, लाइब्रेरी इंजार्ज व हिन्दी डिपार्टमेंट के हेड और वीसी के पीए व असिस्टेंट को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है. सूत्रों के अनुसार आने वाले दिनों में एसवीयू इस मामले में और बड़ी कार्रवाई कर सकती है.पत्र में कहा गया था कि एसवीयू के द्वारा किसी प्रकार की कार्रवाई से पूर्व सक्षम प्राधिकार की पुर्वानुमति आवश्यक है. सक्षम प्राधिकार की पूर्वानुमति के बिना किसी प्रकार की कार्रवाई किया जाना अधिनियम के प्रावधानों का स्पष्ट उल्लंन है जो कि सर्वथा अनुचित है.

एसवीयू ने मगध विवि के कुलपति, उनके पीए-सह-असिस्टेंट, एमएस पूर्वा ग्राफिक्स एंड ऑफसेट प्रिंटर्स, मेसर्स एक्सएलआईसीटी सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड, लखनऊ, वीर कुंवर सिंह विवि के वित्तीय पदाधिकारी ओम प्रकाश और पाटलिपुत्र विवि के रजिस्ट्रार के खिलाफ 16 नंवबर 2021 को मुकदमा दर्ज किया। 17 नवंबर को कुलपति के गया और गोरखपुर स्थित ठिकानों पर एसवीयू ने छापेमारी की. 20 नवंबर 2021 को इस मामले में कई अफसरों की गिरफ्तारी हुई। 20 जनवरी को कुलपति एसवीयू के सामने पेश हुए.

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