सिटी पोस्ट लाइव : बिहार में शिक्षकों की बहाली को लेकर एक महत्वपूर्ण बदलाव होने जा रहा है. सरकार की प्राथमिकता वैसे स्कूलों में पहले शिक्षक बहाल करने की है, जहां शिक्षकों की कमी अधिक है. सरकार अब नियुक्ति प्रक्रिया में प्राथमिकता के लिहाज से काम करेगी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम में शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक के बाद ये निर्देश दिया कि जहां शिक्षकों की कमी है, वहां नियुक्ति जल्द की जाए ताकि बच्चों के पठन-पाठन में किसी तरह की परेशानी नहीं हो. नीतीश ने सभी पंचायतों में उच्च माध्यमिक विद्यालय के आधारभूत संरचना के निर्माण कार्य में तेजी लाने को कहा.
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने प्रेजेंटेशन के माध्यम से जानकारी दी कि समग्र शिक्षा अभियान के अंतर्गत शिक्षक और छात्रों का अनुपात 1: 40 निर्धारित है. इस मानक पर राज्य अब पहुंच गया है. उन्होंने शारीरिक शिक्षक एवं स्वास्थ्य अनुदेशक की नियुक्ति, माध्यमिक व उच्च माध्यमिक शिक्षकों की नियुक्ति तथा उत्क्रमित उच्च माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाध्यापक पद पर नियुक्ति के संबंध में अद्यतन जानकारी दी. मुख्यमंत्री को यह जानकारी दी गई कि 6421 पंचायत ऐसी हैं, जहां उच्च माध्यमिक विद्यालय नहीं थे. इन पंचायतों में उच्च माध्यमिक विद्यालय की स्थापना की जा चुकी है. सभी पंचायतों में नौवीं तथा दसवीं की पढ़ाई शुरू हो चुकी है. इन विद्यालयों में उन्नयन योजना के तहत स्मार्ट क्लास के माध्यम से ई -कंटेट विकसित कर वर्ग संचालन की व्यवस्था की गयी है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर लड़कियां शिक्षित होती हैं, तो प्रजनन दर में कमी आएगी. उसी के आधार पर हमलोगों ने प्रत्येक पंचायत में इंटर तक की पढ़ाई के लिए प्रत्येक पंचायत में उच्च माध्यमिक विद्यालय बनाने का निर्णय लिया. जब हमलोगों ने कार्यभार संभाला था, तब प्रजनन दर 4.3 थी, जो घटकर तीन पर आ गई है. बालिका पोशाक योजना का असर यह हुआ है कि मैट्रिक परीक्षा में लड़कियों की संख्या अब लड़कों से अधिक हो गयी है. समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्य सचिव आमिर सुबहानी, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त परामर्शी मनीष कुमार वर्मा, सचिव अनुपम कुमार व विशेष कार्य अधिकारी गोपाल सिंह मौजूद थे.