सिटी पोस्ट लाइव : बिहार पुलिस मुख्यालय ने बालू माफियाओं से सांठ-गांठ के आरोप में फंसे चार डीएसपी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी है.बालू के अवैध खनन से जुड़े केस में में लपेटे में आये बिहार पुलिस सेवा के चार निलम्बित डीएसपी फिलहाल सस्पेंड हैं. इन सभी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी शुरू हो गई है. पटना प्रक्षेत्र केआईजी राकेश राठी को इस मामले की जांच सौंपी गई है.बिहार पुलिस के चार डीएसपी पर अब बर्खास्तगी (Bihar Police DSP Suspension) की तलवार लटक रही है. निलंबित किए गए डीएसपी में पटना के पालीगंज के तत्कालीन एसडीपीओ तनवीर अहमद,आरा सदर के तत्कालीन एसडीपीओ पंकज कुमार रावत, औरंगाबाद के तत्कालीन एसडीपीओ अनुप कुमार और डेहरीऑन-सोन के तत्कालीन एसडीपीओ संजय कुमार के नाम शामिल हैं.
जांच रिपोर्ट में सभी डीएसपी पर बालू के अवैध खनन और परिवहन में लगे माफियाओं से मिली भगत कर सहयोग देने और सरकारी राजस्व को क्षति पहुंचाने का आरोप लगा था. इसके बाद इन सभी अफसरों के विरुद्ध आरोप पत्र गठित कर लिखित बचाव मांगा गया था. चारों पुलिस अधिकारियों ने अपने लिखित बचाव में लगाये गये आरोपों को अस्वीकार कर दिया है, जिसके बाद जांच अधिकारी नियुक्त कर विभागीय कार्रवाई संचालित करने का फैसला लिया गया है.पटना रेंज के आईजी राकेश राठी को चारों के खिलाफ शुरू की गई विभागीय कार्रवाई का संचालन पदाधिकारी नियुक्त किया गया है. आईजी राकेश राठी डीजीपी एसके सिंघल को इसकी रिपोर्ट करेंगे. निलंबित पुलिस अफसरों से 10 कार्य दिवस के अंदर पटना आईजी के सामने उपस्थित होने का निर्देश जारी किया गया है.
गृह विभाग ने आर्थिक अपराध इकाई की जांच रिपोर्ट के आधार पर इन चारों डीएसपी को 27 जुलाई 2021 को निलंबित कर दिया था. इससे पहले इसी महीने अवैध बालू खनन से जुड़े मामले में निलंबित किए गए दो आईपीएस अफसरों की निलम्बन अवधि 6 महीने के लिए बढ़ा दी गई थी. आरा के तत्कालीन एसपी राकेश कुमार दुबे और औरंगाबाद के तत्कालीन सुधीर कुमार को भी विभाग की तरफ से कोई राहत नहीं दी गई है.