सिटी पोस्ट लाइव : बिहार के कड़क IAS और निबंधन विभाग के सचिव केके पाठक ने बिहार भर में निबंधन कार्यालयों में कार्यरत डेटा ऑपरेटरों को इधर से उधर करने का आदेश जारी किया था. लेकिन आदेश फरमान की शक्ल में था. कर्मचारियों के तबादले का कोई लिखित आदेश जारी करने की बजाय साहेब ने सभी जिलों को एक लिस्ट भेज कर्मचारियों को अदल बदल करने का मौखिक आदेश दिया था.
बिना किसी सरकारी आदेश या लिखित आदेश के महज एक लिस्ट के हवाले बिहार भर के कर्मियों की अदलाबदली के तुगलकी आदेश से कर्मचारी भड़क गए और काम ठप कर दिया. कर्मचारियों का आरोप था कि तबादले से एतराज नहीं, लेकिन बिना किसी लिखित पत्र या आदेश के कर्मचारियों को एक जिले से दूसरे जिले में भेजने की कोशिश उन्हें नौकरी से हटाने की साजिश है. साहेब के आदेश से नाराज कर्मचारियों ने काम ठप्प कर दिया. जिसकी वजह से आज बिहार में ज्यादातर जगहों पर निबंधन का काम बंद है.
पूरा मामला विभाग के सबसे बड़े अधिकारी और उनके तुगलकी फरमान से जुड़ा है. इसलिए जिले के निबंधन विभाग से जुड़े अधिकारियों ने इस मसले पर कुछ भी कहने से मना कर दिया. लेकिन कार्यालय के कर्मी आदेश से खासे नाराज दिखे. हाजीपुर में भी निबंधन कार्यालय में सन्नाटा पसरा दिखा और जमीन रजिस्ट्री से सम्बंधित कोई काम नहीं हुआ. जानकार बताते है की अकेले एक निबंधन कार्यालय से हर दिन औसतन 10 से 15 लाख का राजस्व सरकार की कमाई होती है. ऐसे में सिर्फ एक दिन की हड़ताल से बिहार सरकार को करोड़ों का चुना लगा है.
हाजीपुर से नवीन कुमार की रिपोर्ट