सिटी पोस्ट लाइव :पटना नगर निगम के टैक्स वसूली में बड़ा गड़बड़झाला सामने आया है.नगर निगम ने वित्तीय वर्ष 2021-22 के तौर पर सभी तरह की टैक्स वसूली का टारगेट निजी एजेंसियों को दिया है. होल्डिंग व कचरा टैक्स के नाम पर शहर के लोगों से इन दिनों टैक्स कम करने के नाम पर अतिरिक्त वसूली की शिकायतें सामने आ रही हैं. होल्डिंग के साथ कचरा टैक्स को मिलाकर मकान मालिकों से शुल्क लिया जा रहा है. हजारों लोग इन दिनों ठगी का शिकार हो रहे हैं. टैक्स की राशि को कम करने के नाम पर प्राइवेट एजेंसी के 100 कर्मचारी पूरे शहर में डोर-टू-डोर जाकर लोगों से अतिरिक्त रकम की डिमांड कर रहे हैं.
टैक्स कराने के चक्कर में लोग कर्मचारियों के झांसे में आ जा रहे और उसे पैसे दे रहे हैं, सूत्रों के अनुसार कई लोगों का का टैक्स सेटिंग के जरिए कम भी हो गया, लेकिन बड़ी संख्या में ऐसे लोग भी हैं जिन्होंने पैसा तो दे दिया लेकिन टैक्स कम नहीं हुआ. एक स्थानीय अखबार में छपी रिपोर्ट के अनुसार कंकड़बाग के हनुमान नगर में रहने वाले मनोज वर्मा के यहां होल्डिंग व कचरा टैक्स का 28 हजार रुपए बकाया बताया गया। एक कर्मचारी ने 5 हजार रुपए देने पर बकाया को आधा करने का वादा किया. उसकी बात नहीं मानने पर पूरी रकम देने की बात कहकर कर्मचारी वापस चले गए.
राजीवनगर इलाके में कई लोगों ने अतिरिक्त राशि मांगने की शिकायत की है. कई लोग तो पैसा दे भी चुके हैं और वास्तविक टैक्स की रकम को कम भी करवा लिया है. बीके दूबे के यहां भी एजेंसी के कर्मचारी पहुंचे और दो हजार रुपए देने कहा. उन्होंने यह रकम देने से मना दिया.लेकिन पटना नगर निगम के अधिकारी इस बात से अपने को अनजान बता रहे हैं. हालांकि कुछ अधिकारियों ने नाम गुप्त रखने की शर्त पर स्वीकार किया कि एजेंसी के कर्मचारी टैक्स वसूली के नाम पर लोगों से भयादोहन कर रहे हैं. यह भी बताया गया है कि इसकी जानकारी होते हुए भी एजेंसी पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं हो रही.
गौरतलब है कि नगर निगम की ओर से पैरोट नाम की प्राइवेट कंपनी को टैक्स वसूलने की जिम्मेदारी दी गई है. पांच साल के लिए उसके साथ अनुबंध किया गया है. नवंबर-2022 में इसकी अवधि पूरी हो रही है. बताया जा रहा है कि अंतिम वर्ष होने के चलते कंपनी के कर्मचारी भी अतिरिक्त वसूली कर रहे हैं. एक तो मार्च महीने में वसूली का टारगेट दिया गया है और दूसरी ओर कंपनी के कर्मचारी भी इसे अंतिम साल समझकर लोगों से पैसे लेकर टैक्स का सेटलमेंट कर रहे हैं.
शहर के लोगों को टैक्स को ऑनलाइन जमा करने की सुविधा तो दी गई है, लेकिन ऑनलाइन पेमेंट के दौरान कई तरह की तकनीकी खामियों से लोगों को जूझना पड़ रहा है. ऐसे में एक दिन में औसतन पांच से छह लोग ही ऑनलाइन पेमेंट कर रहे हैं. ऑनलाइन के झंझट से बचने के लिए बड़ी संख्या में लोग कैश या फिर चेक से पेमेंट कर रहे हैं. लोगों की सुविधा के लिए ही पैरोट एजेंसी ने डोर-टू-डोर टैक्स कलेक्शन के लिए 100 टैक्स कलेक्टर को बहाल किया है. यही टैक्स कलेक्टर शहर में घूमकर लोगों से टैक्स ले रहे हैं और सेटलमेंट के नाम पर अतिरिक्त रकम की वसूली भी कर रहे हैं.