सिटी पोस्ट लाइव : शराबियों के बारे में सूचना दिए जाने के बिहार सरकार के एक आदेश से शिक्षक भड़क गये हैं. शराबबंदी कानून का पालन कराने के लिए शराबियों को पकड़वाने के आदेश के बाद आक्रोशित शिक्षकों ने राज्य में बड़े आंदोलन की चेतावनी दी है. शिक्षक संगठनों का कहना है कि कभी खुले में शौच रोकने के लिए आदेश दिया जाता है तो कभी शराबियों को पकड़ने का. यही वजह है कि अब शिक्षक सभी जिलों में आदेश की प्रतियां जलाने के साथ सड़क पर उतर कर आंदोलन की चेतावनी दे रहे हैं. शिक्षक संगठनों का कहना है कि अगर आदेश को वापस नहीं लिया जाता है तो राज्य में हर स्तर से विरोध किया जाएगा.
बिहार में स्टूडेंट्स का आंदोलन अभी ठंडा भी नहीं पड़ा था कि सरकार का शराबबंदी से जुड़ा आदेश टीचरों को आंदोलन पर मजबूर कर दिया है. बिहार पंचायत नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ के प्रदेश प्रवक्ता का कहना है कि शिक्षकों की तरफ से सरकार को चेतावनी है कि आदेश अविलंब वापस नहीं लिया जाता तो शिक्षक 5 फरवरी के बाद सड़क पर उतरकर बड़ा आंदोलन करेंगे. आंदोलन की रणनीति तैयार कर बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप कुमार पप्पू ने राज्य के सभी संघीय पदाधिकारी और प्रतिनिधि, सभी जिला अध्यक्ष, प्रधान सचिव, सभी प्रखंड अध्यक्ष, सचिव तथा बिहार के सभी राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ को पत्र जारी कर 30 जनवरी को आंदोलन की रणनीति बताई है. पत्र में कहा गया है कि शिक्षकों को शराब पीने और बेचने वाले को चिह्नत करने के साथ इसकी सूचना देने से संबंधित शिक्षा विभाग का आदेश तुगलकी है। इसका संघ हर स्तर पर विरोध करता है तथा इसे वापस नहीं लिया जाता है तो हर स्तर पर आंदोलन होगा.
बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप कुमार पप्पू ने कहा है कि राज्य के सभी प्रखंड मुख्यालय पर 30 जनवरी रविवार को अपर मुख्य सचिव शिक्षा विभाग के आदेश पत्र की प्रति जलाकर विरोध करेंगे. सभी संघीय पदाधिकारी और प्रतिनिधि से अपील की गई है कि शिक्षकों को विभाग द्वारा लगातार गैर शैक्षणिक कार्यों में लगाकर जान और सेवा को जोखिम में डाला जाता है. | इससे शिक्षण कार्य प्रभावित हो रहा है तथा सरकारी स्कूलों से बच्चों व उनके गार्जियन का विश्वास घट रहा है. ऐसे आदेशों से शिक्षा का स्तर घट रहा है.
शिक्षक संगठनों का कहना है कि विभाग अटपटा आदेश जारी कर परेशान करता है. शिक्षा विभाग ने पहले बोरा बेचने का आदेश दिया. शिक्षकों को बोरा तक बेचने का शर्मनाक आदेश जारी कर दिया गया. विभाग ऐसा तुगलकी फरमान जारी करता है, जिससे शिक्षण कार्य ही प्रभावित हो रहा है. टीचरों पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। संगठनों का कहना है कि पूर्व में खुले में शौच के लिए आदेश जारी कर दिया गया. संगठनों ने आंदोलन को लेकर राज्य के सभी शिक्षकों से एकजुट होने की अपील की है.