सिटी पोस्ट लाइव :पटना वाले खान सर पर 14 धाराओं में केस दर्ज हो चुका है. केस दर्ज होने के बाद से वो अंडरग्राउंड हो गए थे.जिस तरह से छात्रों के आन्दोलन के दौरान उपद्रव मचानेवाले छात्रों की गिरफ्तारी हो रही है, माना जा रहा था कि खान सर के खिलाफ भी बड़ी कारवाई हो सकती है.लेकिन आज बिहार बंद के दौरान खान सर ने छात्रों से बंद में शामिल नहीं होने की अपील कर स्थिति को संभालने की कोशिश कर दी है.उन्होंने देर रात फेसबुक पर वीडियो जारी कर कहा है कि इस मामले में प्रधानमंत्री व रेल मंत्री ने हस्तक्षेप किया है. गलती आरआरबी की है, जिसे प्रधानमंत्री व रेल मंत्री के हस्तक्षेप के बाद वह ठीक करेगा. छात्र आंदालन करेंगे और उसमें घुसकर दूसरे लोग हिंसा कर देंगे. छात्रों की मांगें पूरी हो गईं हैं, अब आंदोलन खत्म.
वैसे भी ये माना जा रहा था कि यूपी चुनाव तक खान सर के खिलाफ पुलिस कोई बड़ी कारवाई नहीं करेगी लेकिन अब तो छात्रों से आन्दोलन ख़त्म करने की अपाल कर उन्होंने अपने खिलाफ कारवाई की संभावना को बहुत कमजोर कर दिया है. गौरतलब है कि खान सर UP के गोरखपुर जिले के हैं. मतलब यह है कि यूट्यब और छात्रों के बीच खान सर भले ही पटना वाले खान सर के नाम से मशहूर हो, लेकिन असल में वो UP के हैं. उसी यूपी के जहां चुनावी तारीखों का ऐलान हो चुका है और जहां जीत के लिए भाजपा ही नहीं जदयू भी एड़ी चोटी का जोर लगा रही है.ऐसे में चुनाव तक तो उनके खिलाफ कारवाई करने की गलती सरकार ऐसे भी नहीं करती.इसी बात से छात्रों के बीच खान सर की लोकप्रियता का अंदाजा लगाया जा सकता है कि यू्ट्यूब पर उनके साढ़े 1.4 करोड़ से अधिक फॉलोअर हैं. ऐसे में UP चुनाव के ठीक बीचों-बीच खान सर की गिरफ्तारी कर भाजपा कोई नई मुसीबत नहीं लेना चाहेगी. जदयू भी यूपी में चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुकी है, और छात्रों को नाराज करने का खतरा वो भी नहीं लेगी.
पुलिस-प्रशासन ने भी FIR के मामले में संभलकर कदम बढ़ाया है. कैसे इसे समझने के लिए उन धाराओं को समझना जरूरी है जिसके तहत खान सर और अन्य कोचिंग संचालकों के खिलाफ पत्रकार नगर थाना में मामला दर्ज हुआ है. आईपीसी की जो 14 धाराएं लगाई गई हैं, इनमें 147, 148, 149, 151, 152, 186, 187, 188, 330, 332, 353, 504, 506 और 120बी के तहत मामला दर्ज किया गया है. कानून के जानकारों के अनुसार खान सर की गिरफ्तारी इसलिए भी नहीं हो सकती क्योंकि कि सुप्रीम कोर्ट ने सात साल से कम सजा वाले मामलों में यह व्यवस्था की है कि पुलिस को 41 सीआरपीसी के तहत उसमें नोटिस देना पड़ेगा. ऐसे में खान सर को अरेस्ट करने के पहले पुलिस को नोटिस देना होगा. साथ ही नोटिस देने के साथ ही बेल बांड देना होगा, जिस पर तुरंत बेल हो जाएगी.
खान सर पर FIR और छात्रों पर पुलिसिया कार्रवाई के सामने आते है बिहार में राजनीति सरगर्मी तेज हो गई है. सभी विपक्षी पार्टियां छात्रों के साथ खड़ी हो गई हैं. 28 जनवरी के बंद को भी राजद, कांग्रेस सहित सभी विपक्षी पार्टियों यहां तक की सपा ने भी अपना समर्थन दे दिया है. विपक्षी पार्टियां भाजपा और जदयू पर हमलावर भी दिख रही हैं, लेकिन गुरुवार को दिन भर भाजपा के किसी भी प्रवक्ता ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी. देर शाम भाजपा के राज्यसभा सांसद सुशील मोदी सामने आएं और उन्होंने रेल मंत्री वैष्णव से हुई बातचीत का हवाला दिया.