24 जनवरी को जननायक कर्पूरी ठाकुर जी की 15 फीट की प्रतिमा का अनावरण किया जाएगा : देव ज्योति

City Post Live - Desk

सिटी पोस्ट लाइव : विकासशील इंसान पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता देव ज्योति ने प्रेसवार्ता कर जानकारी दी कि 24 जनवरी को ” जननायक कर्पूरी ठाकुर जी की जयंती मंत्री पशुपालन एवं मत्स्य संसाधन सह VIP पार्टी के सुप्रीमो मुकेश सहनी  के आवास पटना स्थित 26, स्ट्रैंड रोड पर मनाया जाएगा. इसके लिए जननायक कर्पुरी ठाकुर जी की 15 फ़ीट की मूर्ति बनायी जा रही है. ” जननायक कर्पूरी ठाकुर जी की जीवनी के बारे में बात करते हुए देव ज्योति ने कहा कि, जननायक कर्पुरी ठाकुर भारत के महान स्वतंत्रता सेनानी, शिक्षक, राजनीतिज्ञ तथा बिहार राज्य के दूसरे उपमुख्यमंत्री और दो बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं।

‘जब कर्पूरी जी आरक्षण की बात करते थे, तो लोग उन्हें बुरा — भला कह देते थे. कर्पूरी ठाकुर ने हाशिये पर रह रहे समुदायों को आगे बढ़ाया। देखा जाए तो यही वह खूबी थी जिसके चलते बिहार के पहले गैर कांग्रेसी मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर के नाम के आगे जननायक की उपाधि जुड़ी। उनका नाम उन महान समाजवादी नेताओं की पंत में आता है जिन्होंने निजी और सार्वजनिक जीवन, दोनों में आचरण के ऊंचे मानदंड स्थापित किए थे. वीआईपी पार्टी आज ” जननायक कर्पूरी ठाकुर ” जी के आदर्शों पर चलकर समाज के पिछड़ों, गरीबों, दलितों , आदिवासियों, और अल्पसंख्यकों को उनका अधिकार और सम्मान दिलाने की लड़ाई लड़ रहा हैं।

आज जी भी लोग गरीबों का शोषण कर रहे हैं, वह युद्ध भूल रहे हैं कि बिहार ” जननायक कर्पूरी ठाकुर जी की धरती है, और आने वाले समय में बिहार की जनता ऐसे लोगों को उचित सबक सिखाएगी। 26 स्ट्रैंड रोड स्थित वीआईपी पार्टी कार्यालय में जननायक कर्पुरी ठाकुर जी की 15 फ़ीट की मूर्ति बनायी जा रही हैं, जिसका अनावरण 24 जनवरी को उनकी जयंती के अवसर पर किया जाएगा। कर्पूरी ठाकुर जी वास्तविकता में समाजवादी राजनीति के बड़े नेता रहे हैं, उनके नाम पर माल्यापर्ण करने वाले उनकी सादगी और ईमानदारी भरे रास्ते पर चलने का साहस नहीं कर पाऐंगे, इसलिए भी कर्पूरी ठाकुर जैसे नेताओं को याद रखा जाना ज़रूरी है.

बिहार में ओबीसी आरक्षण 1977 में लागू हो गया था. सामाजिक न्याय के नारे को कर्पूरी ठाकुर ने बुलंद किया. बिहार की सत्ता को दो बार कर्पूरी ठाकुर ने संभाला । बिहार की सियासत में ” कर्पूरी ठाकुर जी को सामाजिक न्याय के मसीहा के तौर पर देखा जाता है. सबसे पहले बिहार में सामाजिक न्याय की लड़ाई को एक साधारण नाई परिवार में जन्मे कर्पूरी ठाकुर ने बुंलद कर दिया था. मुख्यमंत्री रहते हुए कर्पूरी ठाकुर ने बिहार के वंचितों के हक में न सिर्फ काम किया, बल्कि उनका मनोबल भी बढ़ाया, जिसकी वजह से दलित-पिछड़े राजनीति में ही नहीं बल्कि हर क्षेत्र में आगे बढ़े हैं. उन्होंने पिछड़ों को 26 फीसदी आरक्षण भी देना का काम किया, जो कि देश में पहली बार बिहार में लागू किया गया था। वीआईपी पार्टी उन्ही की विचारधारा को जन-जन तक पहुंचाने का काम कर रही हैं।

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