सिटी पोस्ट लाइव : रासायनिक उर्वरक पर निर्भरता को कम करने एवं स्वस्थ फसलों के द्वारा मानव सेहत को भी स्वस्थ रखने के लिए जैविक एवं प्राकृतिक तरीके से खेती आवश्यक है। इसी को लेकर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह इन दिनों अपने संसदीय क्षेत्र में जीविका दीदियों को एक तरफ जहां जागरूक कर रहे हैं वहीं कृषि वैज्ञानिकों के द्वारा उन्हें जैविक खाद तैयार करने की ट्रेनिंग ही दिलवा रहे हैं । इसी कड़ी में आज गिरिराज सिंह सदर अनुमंडल के सांख गांव पहुंचे जहां बड़े भूखंड पर सब्जी की खेती होती है और वहां पर जीविका दीदियों को कृषि वैज्ञानिकों के द्वारा प्राकृतिक खाद बनाने के गुर भी सिखाए गए ।
देखा जाए तो इस वर्ष रबी की बुवाई के समय से लेकर पटवन तक किसानों को रासायनिक खाद के लिए काफी जद्दोजहद करनी पड़ी और खाद की कमी की वजह से किसानों को अधिक भाव में खाद खरीदनी पड़ी । लेकिन अब केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह की पहल के बाद कृषि वैज्ञानिकों के माध्यम से पूरे बेगूसराय जिले के सभी प्रखंडों में जीविका दीदियों को प्राकृतिक एवं जैविक खाद बनाने की ट्रेनिंग दिलवाई जा रही है ।
गौरतलब है कि प्राकृतिक एवं जैविक खाद में गाय या भैंस के गोबर, छाय एवं अन्य सड़े हुए घरेलू सामानों का उपयोग किया जाता है । साथ ही साथ इसमें 5% तक रासायनिक खादों का भी प्रयोग किया जाता है और उन्हें 40 दिन सुरक्षित रखा जाता है जिससे उनकी गुणवत्ता में निखार आ जाती है और उसे खेतों में प्रयोग किया जाता है । केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने बताया कि किसानों के द्वारा रासायनिक खाद के उपयोग से आज मिट्टी में कार्बन ,नाइट्रोजन एवं अन्य रासायनिक क्षमता समाप्त हो गई है और अब एक प्राकृतिक और जैविक खाद ही सहारा है जिससे बंजर भूमि को भी ताकतवर बनाया जा सकता है ।
साथ ही साथ जैविक खाद के प्रयोग से फसल का उपयोग करने वाले जीवो पर भी इसका कुप्रभाव नहीं पड़ेगा । आने वाले दिनों में जीविका दीदियों के साथ-साथ जागृत किसानों को भी इसकी ट्रेनिंग दी जाएगी जिससे रोजगार के अवसर भी उत्पन्न होने और किसानों को खाद के लिए दर-दर भटकना भी नहीं पड़ेगा । इससे प्रधानमंत्री के द्वारा अपनी गाय, अपना खाद, अपनी खेत का मूल मंत्र भी साकार हो सकेगा।
बेगूसराय से सुमित कुमार की रिपोर्ट