सिटी पोस्ट लाइव : विकासशील इंसान पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता देव ज्योति ने कहा कि अब जब नीति आयोग की रिपोर्ट में भी यह स्पष्ट हो गया है कि देश के अन्य राज्यों की तुलनाएं में बिहार पिछड़ा हुआ और गरीब राज्य हैं तो, केंद्र सरकार से वीआईपी पार्टी बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग करती हैं।
बिहार क्षेत्रफल में कम है और जनसंख्या घनत्व में ज्यादा, यहां प्रति व्यक्ति आय में बहुत कम हैं, कहने का तात्पर्य है कि बिहार विशेष राज्य का दर्जा पाने के हर मानक पर खड़ा उतरता है. अतः वीआईपी पार्टी केंद्र सरकार से आग्रह करती है कि बिहार जैसे गरीब राज्य को विशेष राज्य का दर्जा दे ताकि बिहार में विकास की रफ्तार को गति मिल सके।
नीति आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक, 115 क्षेत्रों में बिहार को 100 में से 52 अंक मिले हैं जो कि देश में सबसे कम हैं. रिपोर्ट में लिखा है कि बिहार के कम स्कोर के लिए गरीबी, 15 वर्ष के ऊपर के लोगों के लिए खराब शिक्षा, मोबाइल और इंटरनेट का कम इस्तेमाल है. बिहार में 33.74% लोग गरीबी रेखा के नीचे रहते हैं और अगर वैश्विक बहुआयामी गरीबी सूचकांक (MPI) की बात करें तो यह फीसदी बढ़कर 52.5 हो जाता है.
केवल 12.3 % परिवार के लोग हेल्थ इंश्योरेंस के दायरे में हैं. 42 फीसदी 5 वर्ष के कम उम्र के बच्चे कुपोषण के शिकार हैं. 15 वर्ष से ऊपर के लोगों की साक्षरता 64.7% है. केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने जवाब में आगे कहा है कि बिहार में सबसे कम मोबाइल का इस्तेमाल होता है. 100 लोगो मे महज 50.65 लोग मोबाइल का इस्तेमाल करते हैं. बिहार में केवल 39.99% इंटरनेट का इस्तेमाल बिहार के लोग करते है.