सिटी पोस्ट लाइव : मधेपुरा में कई ऐसे स्वास्थ्य से जुड़े संस्थान हैं जो अवैध रूप से चल रहे हैं. लेकिन अब इसपर सरकार ने कार्रवाई शुरू कर दी है. जिले के अंतर्गत अवैध रूप से संचालित जांच घर, लैबोरेट्री, डायग्नोस्टिक सेंटर, नर्सिंग होम और क्लीनिक को बंद करने का निर्देश दिया गया है. सिविल सर्जन ने जिले के छह नर्सिग होम, 30 जांच घर और डायग्नोस्टिक सेंटर संचालक से सात दिनों के अंदर शोकॉज मांगा है.
उन्होंने बिना रजिस्ट्रेशन के जांच घर और नर्सिग होम संचालित करने पर आपत्ति जताते हुए इस बंद करने का निर्देश जारी किया है.। इन सभी से कहा गया है कि उनके द्वारा जांच घर, लैबोरेट्री, डायग्नोस्टिक सेंटर, नर्सिंग होम और क्लीनिक गैर कानूनी और सरकार के मापदंड से हटकर चलाया जा रहा है.
ऐसे में विभागीय गाइड लाइन के अनुसार कड़ी कार्रवाई की जाएगी. स्वास्थ्य विभाग द्वारा शोकॉज मांगे जाने के बाद से जिले के नर्सिंग होम संचालक, लैबोरेट्री संचालक और डायग्नोस्टिक सेंटर संचालक के बीच हड़कंप मच गया है. बताया गया कि जिले में सैकड़ों जांच घर गैरकानूनी तरीके से संचालित किए जा रहे हैं.
कई जांच घर ऐसे है, जिनको अस्थायी लाइसेंस भी स्वास्थ्य विभाग से नहीं मिला है. कई लैब संचालकों के लैब का लाइसेंस की वैधता पूर्व में ही समाप्त हो चुकी है. सिविल सर्जन डॉ. अमरेंद्र नारायण शाही ने बताया कि हाईकोर्ट के निर्देश के आलोक में कार्रवाई की जा रही है.