सिटी पोस्ट लाइव : राजनीति में कौन किसके पाले में चला जाए, ये किसी को खबर नहीं होती. रातों-रात सत्ता बदल जाती है. आज जिसकी तारीफ करते नहीं थकते कल उन्हें ही कोसने लगते हैं. कुछ ऐसा ही एकबार फिर बिहार में हुआ है. बिहार के मुखिया नीतीश कुमार का तीर कांग्रेस को एकबार फिर जोरदार लगा है. नीतीश कुमार ने बिहार के सबसे दमदार और कांग्रेसी आलाकमान के बेहद नजदीक माने जाने वाले दिवंगत नेता और विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष सदानंद सिंह के बेटे को जेडीयू के पाले में कर लिया है.
बताया जाता है कि सदानंद सिंह के बेटे शुभानंद मुकेश ने कांग्रेस को बाय-बाय कर दिया है और नीतीश कुमार के काम से प्रभावित होकर उनकी पार्टी में आना तय कर लिया है. आज वे पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह और वरिष्ठ जेडीयू नेताओं के सामने शुभानंद मुकेश जेडीयू में विधिवत शामिल हो जाएंगे. इसके लिए जेडीयू ने बड़ी तैयारी भी कर रखी है. बता दें कांग्रेस के सबसे बड़े दिग्गज नेता रहे सदानंद सिंह जब बीमार थे तो उस वक्त उनके बेटे शुभानंद को कांग्रेस की अनदेखी बहुत चुभी थी.
उन्होंने कहा भी था कि कांग्रेस के बड़े से बड़े नेता ने भी उनकी मदद नहीं की और ना ही कोई देखने आया था. जब इस बात की जानकारी नीतीश कुमार को लगी थी तो दिल्ली से लेकर पटना तक सदानंद सिंह का बेहतर से बेहतर इलाज की व्यवस्था की गई थी लेकिन सदानंद सिंह की सेहत नहीं सुधरी और वो चल बसे. इसी घटना के बाद से सदानंद सिंह के बेटे का कांग्रेस से मोहभंग भी हो गया. उन्होंने तब एक बयान जारी करते हुए कहा था कि अब वो कांग्रेस में नहीं रहेंगे और जेडीयू में शामिल होंगे.
जाहिर है कि इसके बाद कांग्रेस को उनकी बात काफी चुभी थी. इसे लेकर उन्होंने पार्टी विरोधी गतिविधियों का हवाला देते हुए छह साल के लिए मुकेश को निलम्बित कर दिया था. गौरतलब है कि सदानंद सिंह का प्रभाव भागलपुर में काफी माना जाता रहा है और अब शुभानंद के जेडीयू में शामिल होने पर JDU को फायदा मिलने की सम्भावना है. शुभानंद मुकेश ने पिता के आग्रह पर कहलगांव से विधानसभा चुनाव कांग्रेस के टिकट पर लड़ा था लेकिन तब उन्हें चुनाव में हार मिली थी. लेकिन अब जब उनकी पकड़ है और जदयू का साथ तो जाहिर है कांग्रेस को नुक्सान और जदयू को फायदा जरुर होगा.