सिटी पोस्ट लाइव : बिहार में भ्रष्टाचार के खिलाफ नीतीश सरकार की कार्रवाई लगातार जारी है. छोटे से लेकर बड़े पुलिसवालों पर सरकार कार्रवाई कर रही है. ताजा मामला मुंगेर से सामने आया है, जहां डीआईजी रहे आईपीएस अधिकारी मोहम्मद शफीउल हक को निलंबित कर दिया है. बुधवार की रात गृह विभाग ने निलंबन से संबंधित अधिसूचना जारी कर दी. मोहम्मद शफीउल हक पर आरोप है कि मुंगेर में डीआईजी के पद पर तैनाती के दौरान वे अपने अधीनस्थ पुलिसकर्मियों से पैसे की उगाही करते थे. 2007 बैच के आईपीएस अधिकारी मोहम्मद शफीउल हक अभी पुलिस मुख्यालय में पदस्थापन की प्रतीक्षा में थे.
बता दें कि आर्थिक अपराध इकाई की टीम ने अपनी जांच रिपोर्ट में उनके खिलाफ गृह विभाग को साक्ष्य समेत तमाम चीजों की जानकारी दी थी. इसी रिपोर्ट के आधार पर गृह विभाग ने आईपीएस अधिकारी शफीउल हक के अलावा उनके सहायक अवर निरीक्षक मोहम्मद उमरान एवं एक निजी व्यक्ति को लेकर तमाम बिंदुओं पर समीक्षा की थी. इन् दोनों के माध्यम से शफीउल हक मुंगेर क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले कई मातहत पुलिस अधिकारियों और कर्मियों से लगातार अवैध राशि की उगाही किया करते थे.
बता दें इस साल निलंबित किए जाने वाले शफीउल हक तीसरे आईपीएस पदाधिकारी हैं. इसके पहले भी बालू माफियाओं से सांठगांठ कर अकूत संपत्ति अर्जित करने के आरोप में आइपीएस अधिकारी और औरंगाबाद के तत्कालीन एसपी सुधीर पोरिका के अलावा भोजपुर के पूर्व एसपी राकेश दुबे को निलंबित कर दिया गया है.