कोरोना गाइडलाइन में मिली छूट का दायरा घटा, क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप ने लिए कई अहम् फैसले

City Post Live - Desk

सिटी पोस्ट लाइव : कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमीक्रॉन के खतरे को भांपते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) कह चुका है कि दक्षिण पूर्व एशियाई देशों को निगरानी बढ़ानी चाहिए। स्वास्थ्य और सामाजिक उपायों को मजबूत करना चाहिए और टीकाकरण को बढ़ाना होगा। डब्ल्यूएचओ का कहना है कि वायरस का नया वेरिएंट बहुत ज्यादा खतरनाक और संक्रामक है इसलिए इससे बचने के लिए हमे पहले से तैयार होना जरूरी है। इसे लेकर भारत सहित देश के राज्यों ने कमर कास ली है. बिहार में भी इस नए वेरीएंट ओमिक्रोन के खतरे को देखते हुए बड़ा फैसला लिया गया है.

सरकार द्वारा फिर से सख्ती बढ़ा दी गई है. बिहार में प्रभावी अनलॉक की मियाद अगले 15 दिनों के लिए फिर से बढ़ा दी गई है.  क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप में कोरोना वायरस ओमिक्रोम के खतरे को देखते हुए कुछ नए नियम निर्धारित किए हैं और इनका पालन अनिवार्य कर दिया गया है. गृह विभाग ने अपने आदेश में यह स्पष्ट किया है कि स्वास्थ्य विभाग अस्पतालों की व्यवस्था विशेषकर ऑक्सीजन और आईसीयू की उपलब्धता की समीक्षा अपने स्तर पर कर लें.

इस आदेश के तहत पहले की तरह दुकानों और प्रतिष्ठानों में मास्क और सैनिटाइजर की व्यवस्था रखना, सभी स्कूल और शिक्षण संस्थान पहले की तरह खुले रखना, शारीरिक दूरी का पालन करना,  विवाह और शादी समारोह में कोविड-19 के  प्रोटोकॉल अनिवार्य रूप से प्रभावित रहेंगे. गृह विभाग ने कोविड-19 वैरिएंट को देखते हुए यह फैसला लिया है कि अंतरराष्ट्रीय उड़ान के बाद बिहार आने वाले यात्रियों की विशेष रूप से जांच करवाई जाएगी.

बता दें डब्ल्यूएचओ ने चेतावनी देते हुए कहा कि यह काफी तेज़ी से और बड़ी संख्या में म्यूटेट होने वाला वेरिएंट है. उसने बताया है कि इस वेरिएंट के कई म्यूटेशन चिंता पैदा करने वाले हैं. इसलिए शुरुआती साक्ष्यों के आधार पर WHO ने कहा है कि इस म्यूटेशन के चलते संक्रमण का ख़तरा बढ़ गया है. बताया गया है कि दक्षिण अफ्रीका में श्वाने इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी इसका एपिसेंटर है. इंस्टीट्यूट में कई छात्र कोरोना की चपेट में आए हैं. इसके मद्देनजर कई परीक्षाओं को रद्द कर दिया गया है. जोहान्सबर्ग का गौतेंग प्रांत ओमीक्रॉन वेरिएंट का केंद्र बनकर उभरा है.

Share This Article