सिटी पोस्ट लाइव : बिहार में भ्रष्टाचार के खिलाफ अब लड़ाई शुरू हो गई है. अधिकारी हो या कुलपति कोई भी बचने वाला नहीं है. इस बीच अब बिहार के शिक्षा मंत्री विजय चौधरी ने राज्यपाल फागू चौहान से मुलाकात की है. विश्वविद्यालयों में भ्रष्टाचार और गड़बड़ियों को लेकर यह मुलाक़ात हुई. जिसके बाद शिक्षा मंत्री ने कहा कि बिहार के सभी विश्वविद्यालयों में भ्रष्टाचार से जुड़े मामले की जांच होगी और कोई भी दोषी बख्शा नहीं जाएगा. इसे लेकर राज्यपाल ने भी सहमती भरी है.
वहीं मौलाना मजहरूल हक विश्वविद्यालय के वर्तमान कुलपति प्रोफेसर कुद्दुस के द्वारा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लिखे गए पत्र का जिक्र करते हुए कहा कि सीएम सचिवालय के द्वारा करवाई को लेकर राज्यपाल को पत्र लिखा गया था. बता दें मौलाना मजहरूल हक के वर्तमान कुलपति प्रोफेसर कुद्दुस ने अपने ही विश्वविद्यालय का काला चिट्ठा खोल कर रख दिया है. उन्होंने तत्कालीन कुलपति एस.पी सिंह पर गंभीर आरोप लगाए हैं.
एस.पी सिंह जो वर्तमान में ललित नारायण मिथिला यूनिवर्सिटी (एलएनएमयू) के कुलपति और आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय के प्रभारी वीसी हैं. दोनों जगह उनके खिलाफ कई गंभीर आरोप लगे हैं. ऐसे में सरकार ने इस मामले में चुप रहने के बजाय कार्रवाई की अनुशंसा राजभवन से कर दी है. बताते चलें इससे पहले मगध विश्वविद्यालय के कुलपति राजेंद्र प्रसाद के खिलाफ पिछले 15 दिन से निगरानी विभाग की जांच चल रही है. इस संबंध में बिहार और पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश में उनके कई ठिकानों पर छापेमारी की गई है जिसमें कई दस्तावेज बरामद हुए हैं. वीसी राजेंद्र प्रसाद पर लगभग 30 करोड़ के गबन का आरोप है.
लेकिन राजभवन ने अबतक इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की है. यही नहीं वीसी राजेन्द्र प्रसाद पर कार्रवाई के बदले उनके मेडिकल लीव पर मुहर लगा दी गई. इसके वीसी राजेन्द्र प्रसाद को राज्यपाल फागु चौहान ने 24 नवम्बर से 23 दिसम्बर तक छुट्टी पर जाने की अनुमति दे दी. जबकि राज्यपाल ने विश्वविद्यालय के प्रो वीसी विभूति नारायण सिंह को कुलपति का प्रभार दे दिया है.