सिटी पोस्ट लाइव : स्वास्थ्य विभाग की कुव्यवस्था का जिक्र तो आप अक्सर सुनते आए हैं. लेकिन अबकी बार शिक्षा विभाग का कारनामा सामने आया है. जहां मुर्दे को नोटिस जारी कर पूछा गया कि आप चुनाव ड्यूटी में क्यों नहीं आए. अब भला कोई ये बताए की मुर्दा अगर चुनाव ड्यूटी कैसे कर सकता है. मधेपुरा जिले में दवा के अभाव में एक शिक्षक की हुई मौत के बाद उन्हें शो-कॉज जारी कर पूछा गया है कि आखिर वो चुनाव ड्यूटी पर क्यों नहीं आए.
जानकारी के मुताबिक उदाकिशुनगंज प्रखंड अंतर्गत मजौरा मध्य विद्यालय में सहायक शिक्षक सुमन कुमार सिंह की बीते सात नवंबर को ह्रदय गति रुकने से मौत हो गयी. सुमन कुमार सिंह के निधन से उनका परिवार गहरे सदमे में है. लेकिन पंचायत निर्वाचन कार्मिक कोषांग से चुनाव ड्यूटी में अनुपस्थित रहने के लिए मृत शिक्षक को शो-कॉज जारी किया गया है.
नोडल पदाधिकारी कार्मिक कोषांग के द्वारा पूछा गया है कि 15 नवंबर को बिहारीगंज में पंचायत चुनाव हुआ उसके लिए उन्होंने 13 और 14 नवंबर को अपना योगदान क्यों नहीं दिया? जबकि विद्यालय के प्रधान शिक्षक अनिल राम ने उनकी मौत की सूचना आठ नवंबर को ही विभाग के अधिकारियों समेत अन्य सभी को दे दी थी. लेकिन इसके बावजूद उन्हें यह शो-कॉज जारी कर पूछा गया है.
बताया कि सुमन पिछले दो-तीन वर्षों से बीमार चल रहे थे. उन्हें हृदय की बीमारी थी जिसका पटना में इलाज चल रहा था. 10 दिन पहले उनकी दवाई खत्म हो गयी थी. समय पर वेतन नहीं मिलने से परिवार उनका सही ढंग से इलाज नहीं करवा पा रहा था. उन्हें करीब तीन महीने से वेतन नहीं मिला था. दीपावली से पहले एक माह का वेतन आया था, लेकिन वो बैंक लोन में कट गया.
गौरतलब है इसी साल अगस्त में एक ऐसा मामला सामने आया था. जहां DMCH में एक ऐसे डॉक्टर का ट्रांसफर कर दिया है, जिसकी मौत 11 महीने पहले ही हो चुकी है. बता दें स्वास्थ्य विभाग ने शिवांगी नाम की महिला रेजिडेंट डॉक्टर की पोस्टिंग पटना से दरभंगा DMCH में की गई थी, जो करीब ग्यारह महीने पहले ही इस दुनिया को छोड़ स्वर्ग सिधार चुकी थी.