सिटी पोस्ट लाइव : सस्पेंडेड DTO अजय ठाकुर के दो ठिकानों पर विजिलेंस ने बुधवार को छापेमारी की .पटना के एसके पुरी थाना के तहत सरदार पटेल पथ स्थित हरि राधा अपार्टमेंट के C-303 में अजय ठाकुर अपने परिवार के साथ रहते हैं. निगरानी की एक टीम इस फ्लैट को खंगाला तो उनकी पत्नी के नाम से कुल 11 बैंक अकाउंट मिले जिसमें 90 लाख रुपए कैश जमा है. इसमें 30 लाख रुपए उनकी पत्नी के अकाउंट से मिले. इसके अलावा 22 LIC की पॉलिसी मिली है. इसमें कुल 60 लाख रुपए अजय ठाकुर ने इंवेस्ट कर रखा है. फ्लैट से 4.50 लाख रुपए की सोने-चांदी की ज्वेलरी, 1 लाख रुपया कैश भी मिला.
छापेमारी के दौरान निगरानी टीम को कुल तीन जगहों पर फ्लैट, घर और जमीन खरीदने के सबूत मिले हैं. इनके हायर एजुकेशन के लिए इनके बच्चे विदेश में रह रहे हैं. इस पर खर्च किए गए रुपयों का भी डिटेल निगरानी की टीम खंगाल रही है. इस पूरे कार्रवाई में चौंकाने वाली बात यह है कि हर साल सरकार के पास जमा किए जाने वाले संपत्ति के ब्यौरे में अजय ठाकुर ने काफी कुछ छिपाया है.सरकारी नौकरी में रहते हुए अजय ठाकुर ने करोड़ों रुपए की चल-अचल संपत्ति खुद के और परिवार के दूसरे सदस्यों के नाम पर बना रखी है.
अजय ठाकुर के खिलाफ निगरानी थाना में आय से अधिक संपत्ति की FIR दर्ज हो चुकी है. इन पर काली कमाई के जरिए सरकारी आय से 92 लाख रुपए की अधिक संपत्ति अर्जित करने का गंभीर आरोप है. निगरानी मुख्यालय के अनुसार, DSP की अगुवाई में इनके ठिकानों को सर्च किया जा रहा है. भ्रष्टाचार में लिप्त रहने और अपने पद का दुरुपयोग करने की वजह से राज्य सरकार ने इन्हें सस्पेंड कर दिया था. अजय ठाकुर जहानाबाद और उससे पहले पटना में DTO रह चुके हैं.
गौरतलब है कि 2019 में भी इनके ऊपर भर्ष्टाचार के गंभीर आरोप लगे थे.उस वक्त ये पटना के DTO थे. इन्होंने केंद्रीय परिवहन मंत्रालय के आदेशों की अनदेखी करते हुए BS-3 और 4 की गाड़ियों का बैकलॉग के जरिए रजिस्ट्रेशन किया था. इस मामले के सामने आने के बाद इनसे स्पष्टीकरण मांगा गया था, पर अजय ठाकुर ने सरकार के सवालों का जवाब देना भी मुनासिब नहीं समझा.इसके बाद इन्हें सस्पेंड कर दिया गया था. उस दौरान इनकी पोस्टिंग जहानाबाद में थी. उस मामले के बाद से ही सरकार के आदेश पर इनकी काली कमाई और किए गए भ्रष्टाचार के मामलों को पता कर रही थी। इनकी कुंडली खंगाल रही थी.