प्रतिबंध के बावजूद पटना में हर जगह सज गई है पटाखों की मंडी

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सिटी पोस्ट लाइव : कहने के लिए तो नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने पटना सहित बिहार के 4 शहरों में पटाखों की बिक्री पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के अनुसार पटना, मुजफ्फरपुर, हाजीपुर और गया में पटाखों के धुएं से लोगों को सांस लेने में परेशानी का खतरा है. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल NGT ने पटना, मुजफ्फरपुर, हाजीपुर और गया में पटाखों की बिक्री पर पूरी तरह से रोक लगाने का आदेश जारी किया है. इस आदेश के बाद राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने पटना सहित सभी चारो जिलों के डीएम और एसपी को निर्देश जारी कर पटाखों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने को कहा.

इन शहरों में पटाखों की बिक्री पर रोक लगाने के लिए डीएम एसपी को निर्देश दिया गया, लेकिन राजधानी में बोरिंग रोड चौराहे पर एक दर्जन से ज्यादा पटाखा की दुकानें हैं. इसमें कई ऐसी हैं जहां खतरनाक बम और रॉकेट की बिक्री हो रही है. इनका कोई रिकॉर्ड फायर विभाग में नहीं है. यहां सुरक्षा को लेकर भी कोई व्यवस्था नहीं है. पुलिस लाइन और थाना के पास पटाखों की मंडी सज गई. पुलिस और फायर के अधिकारी चुपचाप ये सबकुछ देख रहे हैं.नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने कहा कि न तो कोई नया लाइसेंस जारी किया जाए और न ही पुराने लाइसेंस पर पटाखा बिक्री की अनुमति दी जाए। इन 4 जिलों के अलावा बिहार के अन्य 34 जिलों को लेकर भी गाइडलाइन जारी की गई। इन 34 जिलों में इको फ्रेंडली पटाखों की बिक्री के साथ पटाखों के लिए समय भी निर्धारित कर दिया गया है.

पुलिस, प्रशासन और फायर विभाग पटाखों को लेकर सीधे जवाबदेह हैं. इन तीनों विभागों की मिलीभगत के बिना पटाखों की बिक्री नहीं हो सकती है. जिला प्रशासन से पटाखों का लाइसेंस बनता है और बिना लाइसेंस के पटाखों की खरीद तक नहीं हो सकती है. फायर और पुलिस के साथ एसडीओ की भी जिम्मेदारी है.तीनों विभागों की मिलीभगत नहीं होती तो चोरी छिपे पटाखों की बिक्री होती लेकिन राजधानी पटना में जिस तरह से खुल्लेयाम पटाखों की मंडी सजी है उससे तो यहीं लगता है कि कारोबारियों को मूक सहमित दे दी गई है. आदेश फाइलों में दब गया है और पुलिस लाइन के साथ थानों के आस पास पटाखों की बिक्री खुलेआम हो रही है.

पटना के बोरिंग रोड के आसपास और पुलिस लाइन के पास 50 से ज्यादा पटाखों की दुकानें लगी है. पटाखा कारोबारियों का कहना है कि बोरिंग रोड चौराहा पर पटाखा की बड़ी दुकानों को लगाने अनुमति नहीं मिली है. उनका कहना है कि जो नियम है उस हिसाब से 2 हजार रुपए का चालान जमा कर दिया गया है.किसी का लिखित कोई आदेश नहीं मिला है. दो साल से पटाखों का पैसा फैक्ट्री में जमा था और इस साल मौका है तो पैसा खाली करने के लिए वह पटाखा बेच रहे हैं. उनका कहना है कि फायर और पुलिस के साथ जिला प्रशासन से कोई अनुमति नहीं है फिर भी दुकानदार पटाखा इसलिए बेंच रहे हैं कि बड़ा पैसा फंसा है.

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