माओवादियों के खिलाफ NIA की बिहार में ताबड़तोड़ छापेमारी

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सिटी पोस्ट लाइव : देश में जब कभी ,जहाँ भी आतंकी हमला होता है, उसके तार बिहार से जरुर जुड़ जाते हैं.एनआईए की टीम बिहार में माओवादियों के खिलाफ ताबड़तोड़ छापेमारी की है. NIA के अधिकारियों के अनुसार इस सर्च ऑपरेशन को बेहद गुप्त तरीके से अंजाम देते हुए पटना के चैनपुर और दानापुर में विशेष तौर पर गुप्त सूचनाओं के आधार पर छापेमारी की गई. माओवादी परशुराम सिंह का संबंध बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़ के कई बड़े माओवादियों के साथ है. इस छापेमारी में परशुराम सिंह के कनेक्शन को ही खंगाला गया. केंद्रीय जांच एजेंसी एनआईए (NIA) ने गुरुवार सुबह से लेकर शाम तक बिहार के चार लोकेशन पर छापेमारी की.

छापेमारी के दौरान कई हैंड ग्रेनेड, जिंदा कारतूस (live rounds of ammunition), नक्सलियों की साहित्य, डिजिटल उपकरणों (digital devices) को जब्त किया गया. माओवादी के खिलाफ छापेमारी के दौरान काफी महत्वपूर्ण साबुत हाथ लगे हैं.एनआईए मुख्यालय में कार्यरत अधिकारी के मुताबिक ये छापेमारी सीपीआई (Maoist) के खिलाफ की गई. माओवादियों के हथियार/गोला-बारूद को बरामद (Recovery of Arms/Ammunitions) करने के लिए की गयी.

एनआईए के अधिकारियों ने बताया कि इस सर्च ऑपरेशन को बेहद गुप्त तरीके से अंजाम देते हुए पटना के चैनपुर और दानापुर में विशेष तौर पर गुप्त सूचनाओं के आधार पर छापेमारी की गई. जांच एजेंसी के सूत्रों के मुताबिक माओवादी परशुराम सिंह का संबंध बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़ के कई बड़े माओवादियों के साथ है.जांच एजेंसी एनआईए की टीम ने इसी साल 17 जून को माओवादी परशुराम सिंह के खिलाफ पहले से दर्ज मामले को टेकओवर किया था. दरअसल अवैध हथियारों गोला बारूद और माओवादियों की साजिश से संबंधित तफ्तीश के लिए इस केस को बिहार पुलिस की एसटीएफ (STF, Bihar police) द्वारा केस दर्ज किया गया था. एसटीएस की टीम को यह जानकारी मिली थी कि माओवादी परशुराम सिंह बिहार और झारखंड के कई माओवादियों के साथ मिलकर एक बड़ी साजिश को अंजाम देने की फिराक में है. लिहाजा इस मामले में एसटीएफ की टीम ने 31 मार्च को कई लोकेशन पर छापेमारी के बाद परशुराम सिंह को गिरफ्तार किया गया था.

छापेमारी के दौरान बिसतौल गांव से परशुराम सिंह के लोकेशन से करीब 607 डेटोनेटर, 279 डेटोनेटर कैप, पुलिस कमांडो की वर्दी, अर्धनिर्मित पांच हैंडग्रेनेड (hand grenades), वायरलेस सेट, नक्सलियों की कई साहित्य को बरामद किया गया था. इस मामले की तफ्तीश के दौरान जांच एजेंसी यह जानने का प्रयास कर रही है कि आखिर यह गोला बारूद और हथियार कहां से प्राप्त किया गया. और किस तरह के बड़े वारदात को यह माओवादी अंजाम देना चाहते थे. इसके साथ ही वह कौन कौन से सफेदपोश लोग हैं जो माओवादियों को सहयोग करते हैं. और उस को आगे बढ़ाते हैं, इस मामले की भी तफ्तीश की जा रही है.

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