सिटी पोस्ट लाईव ;:बिहार के गया जिले में गैंगरेप पीडि़ता से मिलने के दौरान उसकी पहचान उजागर करने को लेकर बिहार में सियासत तेज हो गई है.अब इसी बहाने मौका मिल गया है जेडीयू को आरजेडी नेताओं की घेराबंदी करने का.लगातार हो रहे गैंग रेप के मामलों पर चुप्पी साधे रहनेवाली जेडीयू के नेताओं ने रविवार को संवाददाता सम्मेलन कर आरजेडी नेताओं पर हमला बोला.उन्होंने फिर से जंगल राज दुहराए जाने का आरोप लगाते हुए कहा कि गया जिले में रेप पीडि़ता के साथ आरजेडी नेताओं ने जिस तरह की हरकत की है, वह काफी शर्मनाक है. इन नेताओं ने तो सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का भी ख्याल नहीं रखा, जिसमें यह साफ कहा गया है कि किसी भी सूरत में पीडि़ता की पहचान सार्वजनिक नहीं होनी चाहिए.
रविवार को पटना में जदयू नेता संजय सिंह व नीरज कुमार ने कहा कि आरजेडी नेताओं ने तो सारी हदें पार कर दी. इन सब के पीछे तेजस्वी यादव जिम्मेवार हैं. उन्होंने ही ऐसे नेताओं को गया भेजा था. इन लोगों ने फिर से बिहार में जंगलराज दोहराने की कोशिश की. अगर तेजस्वी यादव में थोड़ी भी जमीर बची है तो वे उन नेताओं के अविलंब पार्टी से निकाल बाहर करें. उस टीम में सुरेन्द्र यादव जैसे नेता भी थे जो खुद कई संगीन मामलों के आरोपी हैं. सुरेन्द्र यादव को मगध का आतंक कहा जाता है.
गया में पति के सामने पत्नी और बेटी से सामूहिक दुष्कर्म कांड में जांच करने गई आरजेडी नेताओं की टीम द्वारा पीडि़ताओं की पहचान को सार्वजनिक करने और मानसिक प्रताडऩा देने के मामले को बिहार राज्य महिला आयोग ने गंभीरता से लिया है. आयोग की अध्यक्ष दिलमणी मिश्रा ने गया एसएसपी राजीव मिश्रा से आरोपितों नेताओं पर पॉक्सो एक्ट के उल्लंघन पर कार्रवाई कर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है..गौरतलब है कि गया जिले के कोंच थाना क्षेत्र में रात के वक्त दस बदमाशों ने बाइक से जा रहे परिवार को लूटपाट करने के इरादे से रोका था. पति, पत्नी और बेटी बाइक से ही घर लौट रहे थे. बदमाशों ने पति को बंधक बनाकर उनकी आंखों के सामने पत्नी और बेटी से सामूहिक दुष्कर्म किया था. इस कांड में आरजेडी की छह सदस्यीय टीम जांच करने और पीडि़ताओं से मिलने गई थी. प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक राजद नेताओं ने मां-बेटी को जबरन पुलिस की जीप से नीचे उतारा और उन्हें मीडिया के सामने आपबीती सुनाने के लिए बाध्य किया.