मिड-डे मील बंद करने और गांधी जयंती पर कैदियों की रिहाई की पीएम को सीएम की सलाह

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सिटी पोस्ट लाईव :मुख्यमंत्री नीतीश कुमार स्कूलों में मिड डे मील योजना को ख़त्म कर उसकी जगह पर उसकी राशि लाभार्थी के बैंक खाते में सीधे ट्रान्सफर किये जाने के पक्ष में हैं.उन्होंने दिल्ली में नीति आयोग की बैठक में यह सुझाव देते हुए कहा कि आंगनबाड़ी केंद्रों पर दिए जाने वाले भोजन को लेकर भी डायरेक्ट बेनफिट ट्रांसफर मोड में लाभुक के खाते में पैसा स्थानांतरित किया जाए.उन्होंने कहा कि कम से कम इस योजना के पायलट प्रोजेक्ट को आरंभ कर देना चाहिए.

मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र प्रायोजित योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए अनेक कर्मियों को संविदा पर बहाल किया जाता है.ऐसे कर्मियों की संख्या खासी बड़ी है और ये संगठित होकर मांग करते है.उन्होंने कहा कि अगर केंद्र प्रायोजित योजनाओं में ऐसे कर्मियों को लंबी अवधि तक बहाल रखा जाता है तो इनके मानदेय में एक निर्धारित अवधि पर यथोचित बढ़ोतरी की जानी चाहिए और इसका पूर्ण वित्तीय भार केंद्र सरकार को वहन करना चाहिए.नए कृषि रोड मैप की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अगले पांच वर्ष में कृषि रोड मैप की योजनाओं के क्रियान्वयन पर एक लाख, चौवन हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे. इन योजनाओं के लिए केंद्र सरकार समुचित वित्तीय सहयोग देना चाहिए.मुख्यमंत्री ने कहा कि उनका यह दृढ़ मत है कि किसानों को इनपुट अनुदान के माध्यम से ही सहायता देने से ही कृषि के कुल उत्पादन लागत में कमी आएगी.  बिहार में जैविक सब्जी उत्पादकों के लिए पटना, नालंदा, वैशाली और समस्तीपुर के किसानों के लिए पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया गया है. इस योजना को चरणबद्ध रूप से राज्य में सभी फसलों पर लागू करने के लिए अधिक संसाधन की आवश्यकता होगी. केंद्र सरकार को इनपुट अनुदान योजना को वित्त पोषित करने के लिए राज्य को मदद करनी चाहिए.

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की जगह बिहार सरकार द्वारा हाल ही में आरंभ की गई बिहार फसल सहायता योजना की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार राज्य फसल सहायता योजना के अंतर्गत सहायता राशि में पचास प्रतिशत केंद्र सरकार की भागीदारी पर विचार किया जाना उचित होगा.मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नीति आयोग की बैठक में वित्त आयोग की अनुशंसा के तहत राज्यों को मिलने वाली राशि के मानदंड में बाहरी वजहों को शामिल किए जाने पर भी बल दिया.

मुख्यमंत्री ने नेपाल व अन्य राज्यों से निकलने वाली नदियों की वजह से प्रति वर्ष आने वाली बाढ़ से बिहार को बड़े पैमाने पर नुकसान की चर्चा करते हुए कहा कि आधारभूत संरचना के नुकसान की भरपाई के लिए बिहार को अतिरिक्त वित्तीय भार उठाना पड़ता है. इसलिए यह जरूरी है कि राज्यों की हिस्सेदारी से संबंधित मानदंडों के निर्धारण के दौरान बाहरी कारणों का भी समावेशन किया जाए. राष्ट्रीय स्तर पर महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती के अवसर पर सामूहिक क्षमादान पर विचार किये जाने की सलाह देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि गंभीर मामलों में संलिप्त विचाराधीन या फिर दोषसिद्ध अपराधी को छोड़कर छोटे-छोटे मामलों में बंद कैदियों को विहित  प्रक्रिया के तहत क्षमादान दिया जा सकता है. इसमें महिला कैदी अथवा वैसे कैदी जिनकी उम्र साठ वर्ष से अधिक है को प्राथमिकता दी जा सकती है.मुख्यमंत्री ने कहा कि उनका यह भी सुझाव होगा कि गांधी जी के जीवन प्रसंग एवं जीवन परिचय पर आधारित पुस्तकों को देश के सभी विद्यालयों में उपलब्ध कराया जाए.

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