सिटी पोस्ट लाइव, रांची: झारखंड उच्च न्यायालय में छठी जेपीएससी मामले में दायर अपील याचिका पर बुधवार को सुनवाई हुई। दोनों पक्षों को सुनने के बाद सुनने के बाद अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया। उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति डॉ0 रवि रंजन और न्यायमूर्ति सुजीत नारायण प्रसाद की कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता राजीव रंजन ने अदालत को बताया कि एकल पीठ के फैसले से राज्य सरकार सहमत है। वहीं सफल अभ्यर्थियों की तरफ से सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने पक्ष रखा। जबकि जेपीएससी की तरफ से अधिवक्ता संजय पिपलवाल, शुभाशीष सोरेन और अभ्यर्थियों की ओर से वरीय अधिवक्ता अजीत कुमार, सुमित गड़ोदिया, अपराजिता भारद्वाज और कुमारी सुगंधा ने अदालत के समक्ष पक्ष रखा।
अब सबकी निगाहें झारखंड हाईकोर्ट के फैसले पर टिकी है। उच्च न्यायालय के फैसले पर कई युवाओं का भविष्य टिका हुआ हैं।गौरतलब है कि जेपीएससी द्वारा ली गयी छठी संयुक्त सिविल सेवा प्रतियोगिता के रिजल्ट को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर हाईकोर्ट के एकल पीट के न्यायाधीश संजय कुमार द्विवेदी की अदालत ने छठी जेपीएससी की मेरिट लिस्ट रद्द करते हुए 326 अभ्यर्थियों की नियुक्ति को अवैध करार दे दिया था। इसके बाद से इस परीक्षा में सफल और असफल अभ्यर्थियों का भविष्य अधर में लटका हुआ नजर आ रहा है। सफल अभ्यर्थियों की ओर से उच्च द्वालय के डबल बेंच में अपील दायर की गयी है।