आतंकी मोहम्मद अशरफ के खुलासे से बिहार पुलिस मुख्यालय में हड़कंप.

City Post Live

सिटी पोस्ट लाइव :देश में जब भी कोई आतंकी पकड़ा जाता है उसका तार बिहार से जुड़ जाता है. दिल्ली में गिरफ्तार पाकिस्तानी आतंकी अशरफ अली की गिरफ्तारी के बाद एक बार फिर से ये साफ़ हो गया है कि बिहार आतंकियों का सबसे सुरक्षित ठिकाना बन चूका है.पाकिस्तानी आतंकी अशरफ़ अली ने दिल्ली क्राइम ब्रांच के समक्ष कई खुलासे किए हैं, गौरतलब है कि बिहार से फर्जी आईडी उसने बनवा रखा था.फर्जी आईडी उसने कैसे बनवाया, बिहार पुलिस बताने को तैयार नहीं है.आतंकी अशरफ़ के तरफ से किये गए खुलासे के बाद एक बार फिर से बिहार पुलिस की खुफिया विभाग पर सवाल उठे हैं. सवाल यह है कि आखिर बिहार पुलिस की इंटेलिजेंस एजेंसियां बार-बार फेल क्यों हो जाती हैं. समय रहते सूचना का संकलन क्यों नहीं कर पातीं? सवाल कई हैं पर पुलिस मुख्यालय की तरफ से कोई जवाब देने को तैयार नहीं.

गौरतलब है कि आतंकवादी मोहम्मद अशरफ ने दिल्ली पुलिस के सामने यह खुलासा किया है कि वो बंगलादेश के रास्ते होते हुए पहले सिलीगुड़ी और फिर बिहार के किशनगंज जिला पहुंचा, जहां वह कई महीनों तक अपनी पहचान बदलकर रहा. इस दौरान इसने यहीं से अपनी भारतीय मूल के होने के वास्ते पहले आवासीय पहचान पत्र और फिर वोटर आईडी कार्ड से लेकर आधार कार्ड बनवाने में कामयाबी हासिल की.अशरफ के खुलासे से ये साफ़ हो गया है कि पहचान पत्र बनाने का जिम्मा जिन पुलिस अधिकारियों के कंधे पर है वो महज चंद हजार रुपयों की ख़ातिर अपनी देश का सौदा कर रहे हैं. लंबे समय तक देश की सीमा की सुरक्षा संभालने का काम कर चुके BSF के पूर्व अधिकारी ललन सिंह का कहना है कि अशरफ के तरफ से किये गए खुलासे देश की आंतरिक सुरक्षा के लिये काफी चिंता की बात है.

पाकिस्तानी आतंकी मोहम्मद अशरफ ने बताया कि जब पहली बार साल 2004 में पाकिस्तान से बांग्लादेश और कोलकाता होते हुए भारत में दाखिल हुआ था तो उसके बाद वह सीधे अजमेर शरीफ गया. अजमेर शरीफ में उसकी मुलाकात बिहार के कुछ लोगों से हुई, जिसके बाद वह उनके साथ बिहार चला गया. बिहार में जाकर उसने एक गांव में शरण ली और वहां पर कुछ समय रहकर सरपंच का विश्वास जीता और सरपंच से कागज में लिखवाकर गांव का निवासी होने की आइडेंटिटी बनवाई.आतंकी अशरफ ने पुल‍िस को पूछताछ के दौरान बताया क‍ि बाद में वह दिल्ली आया और उसी आईडी के सहारे दिल्ली में पहले राशनकार्ड बनवाया और फिर वोटर आईडी कार्ड और उसके बाद पासपोर्ट बनवा लिया. इसी आईडेंटिटी की बदौलत वह देश के दूसरे राज्यों में भी गया और उसके बाद दिल्ली आकर उसने धीरे-धीरे अपने सभी दस्तावेजों को बनाना शुरू कर द‍िए. राशन कार्ड बनाने के बाद उसने वोटर आईडी कार्ड बनाया और उसके बाद पासपोर्ट तक बना डाला.

दिल्ली पुलिस अब इस पाकिस्तानी आतंकी के हवाले से दी गई जानकारी पर बिहार पुलिस से संपर्क कर सकती है. साथ ही उसकी आईडेंटिटी किस स्तर पर बनाई गई इसकी भी जांच की जा सकती है. आतंकी ने यह भी खुलासा किया कि वह जैसे-तैसे फर्जी दस्तावेजों के सहारे दिल्ली पहुंचना चाहता था ताकि दिल्ली में रहकर एएसआई के लिए बेहतर काम कर सके और इसीलिए उसने इन राज्यों के कई चक्कर लगाए.

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