गया : हार से बौखलाए मुखिया प्रत्याशी ने कर दिया, जीते हुए उम्मीदवार के परिजनों पर हमला

City Post Live - Desk

सिटी पोस्ट लाइव : बिहार के गया से दिल दहला देने वाली खबर सामने आई  है। जहां हार से विचलित पूर्व मुखिया के उग्र असामाजिक उन्मादी समर्थकों  ने नवरात्र में कलश उपासना पर बैठे ब्राह्मण और कन्याओं को इस कदर लहूलुहान किया कि देख कर किसी के भी रोंगटे खड़े हो जाये। मामला गया जिला के मोहड़ा प्रखंड में पर्वत पुरुष दशरथ मांझी के गहलौर पंचायत की है, जहां मंगलवार को पंचायत चुनाव के नतीजे आने के बाद पराजित प्रत्याशी के समर्थकों ने विजयी प्रत्याशी के परिजनों पर हमला कर दिया. जिसमें एक दर्जन से अधिक युवक और युवती गंभीर रूप से घायल हो गये हैं।  घायलों का इलाज प्राथमिक उपचार किया गया, जबकि गंभीर रूप से घायल लोगों की हालात को देखते हुए गया के अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में भेज दिया गया है।

दरअसल यह मामला तब गहराया जब हारे प्रत्याशी के समर्थकों ने बौखलाहट में शारदीय नवरात्र के मौके पर विजयी प्रत्याशी ठाकुर राणा रणजीत सिंह के परिजन कलश स्थापना के दौरान ब्राह्मण और संपूर्ण परिवार पाठ पर बैठे हुए थे। इसी बीच हार के बाद औंधे मुंह पड़े प्रत्याशी के समर्थकों ने अचानक हमला कर दिया। हमले में एक दर्जन से अधिक लोग घायल हो गए। हमले के बाद गहलौर थाना की पुलिस मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश कर रही है। बावजूद इसके दोनों पक्षों के बीच स्थिति पूरी तरह तनावपूर्ण बनी हुई है।

भारी संख्या में पुलिस बल गहलौर के बेला गांव में कैंप कर रही है। मौके पर मौजूद गहलौर थाना के एसआई कौशलेंद्र सिंह ने बताया कि पराजित प्रत्याशी के समर्थकों ने बौखलाहट में विजय प्रत्याशी के समर्थकों और परिजनों का हमला कर दिया है। इस हमले में एक दर्जन से अधिक लोग घायल हैं। घायलों और पीड़ित विजय मुखिया के बयान पर नामजद अपराधियों पर एफआईआर दर्ज की गई है। इधर नवरात्र के पाठ पर बैठी घायल बच्ची ने बताया कि उसके पिता गहलौर पंचायत के चुनाव में मुखिया पद पर विजयी हुए हैं। इससे पराजित प्रत्याशी के समर्थकों ने लाठी-डंडे और हथियार के साथ अचानक हमला कर दिया। जिसमें हम सभी घायल हो गए हैं। पीड़ित पक्ष के लोगों ने कहा है कि जब तक गुंडे और अपराधिक किस्म के पराजित प्रत्याशी और उनके समर्थकों की गिरफ्तारी नहीं होती है तब तक शांत नहीं बैठेंगे।

गया से जीतेन्द्र कुमार की रिपोर्ट

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