चक्रवात गुलाब से कहीं बाढ़ का संकट तो कहीं जल-जमाव से नारकीय बना जीवन

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सिटी पोस्ट लाइव : गुलाब चक्रवाती तूफ़ान ने बिहार के कई हिस्सों में पिछले चौबीस घंटे से हाहाकार मचा दी है. चक्रवात गुलाब की वजह से बिहार के कई हिस्सों में बीते चौबीस घंटे से ज्यादा समय से भारी बारिश और तेज हवाएं बह रही हैं.मौसम विभाग ने चक्रवाती तूफान गुलाब के मद्देनजर बिहार के कई जिलों के लिए अलर्ट जारी किया है. आपदा प्रबंधन विभाग ने वज्रपात को लेकर लोगों को सावधान किया है. गुलाब का असर राजधानी पटना समेत प्रदेश के अन्य जिलों में भी देखने को मिल रहा है. गुलाब का असर राजधानी पटना (Patna) समेत प्रदेश के अन्य जिलों में भी देखने को मिल रहा है. शनिवार सुबह से ही पटना में बूंदा-बांदी हो रही है. कई जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट है तो अन्य कई जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है. भारी बारिश के कारण बिहारशरीफ शहर के कई मोहल्लों में बाढ़ का पानी घुस गया है जिससे लोगों की परेशानी बढ़ गई है. शहर में सड़कें समंदर बन गई हैं जिसके कारण वाहनों की आवागमन में समस्या हो रही है. इधर बाढ़ के पानी में डूबने से सब्जी की खेती बुरी तरह से प्रभावित हुई है.

नालन्दा और नवादा में पिछले तीन दिन से हो रही मूसलाधार बारिश से जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है. जिले की सभी नदियां उफान पर हैं. नदियों की तेज धार की वजह से गोंदापुर, मंगर बीघा और कई दूसरे जगहों पर डायवर्जन टूट गए हैं जिससे लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई है. सकरी नदी में आई बाढ़ से गिरियक, कतरीसराय, बिहारशरीफ समेत कई प्रखंडों में किसानों को भारी नुकसान हुआ है. बरसात से जिले के रहुई प्रखंड में पंचाने नदी का तटबंध टूटने की कगार पर है. हालत यह है कि यदि जिला प्रशासन ने थोड़ी सी भी चूक की तो यह तटबंध टूट जायेगा और बिहारशरीफ से रहुई जाने वाला मार्ग बंद हो जाएगा.

पूर्वी चंपारण में भी गुलाबी चक्रवात का व्यापक असर देखने को मिल रहा है. यहां जोरदार बारिश ने शहर की सूरत बिगाड़ कर रख दी है जिसके कारण जिला मुख्यालय बेतिया झील में तब्दील हो गया है. शहर के मुख्य सड़क पर चार फीट से अधिक पानी बह रहा है. वहीं, जिले के सभी सरकारी कार्यालय और वरीय पदाधिकारियों के आवास भी पानी में डूब गए हैं. गुलाब चक्रवात से लोग परेशान हैं तो कहीं किसान खुश भी हैं. किसानों के लिए गुलाब वरदान बनकर भी आया है. भारी बारिश से किसान खुश हैं क्योंकि इस बार उनके खेतों में पानी की कमी नहीं होगी.

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