कोसी के पीएमसीएच कहे जाने वाले सदर अस्पताल सहरसा के आईसीयू का कभी नहीं खुला ताला, पांच साल पहले इस आईसीयू का बड़े तामझाम से हुआ था उद्दघाटन,पहले दिन दो-चार मरीज को रखकर,उसी दिन जड़ा गया ताला, 35 लाख से ज्यादे खर्च कर के पहले भवन का हुआ था निर्माण,बाद में आईसीयू के लाखों के खरीदे गए थे उपस्कर, आखिर इस बर्बादी का जिम्मेवार कौन?
सिटी पोस्ट लाइव, एक्सक्लूसिव : सदर अस्पताल सहरसा जिसे कोसी का पीएमसीएच कहते हैं, इसके परिसर में तथाकथित मरीजों की सेवा के लिए कई भवन बनाये गए हैं लेकिन उसका कोई उपयोग नहीं हो रहा है। सदर अस्पताल परिसर 110 एकड़ा से ज्यादा भूखंड पर अवस्थित है। इस अस्पताल परिसर में 10 वर्ष पूर्व 35 लाख से ज्यादा खर्च कर के आईसीयू भवन का निर्माण कराया गया। पांच वर्ष तक यह भवन यूँ ही पड़ा रहा। बहुत प्रयास के बाद पांच साल पहले अत्याधुनिक उपस्करों से सुसज्जित 16 बेड वाला आईसीयू बनकर तैयार हुआ। बड़े तामझाम और अधिकारियों के रेलम–पेलम के बीच इस आईसीयू का उद्दघाटन हुआ। लेकिन हद की इंतहा देखिए कि इस आईसीयू की उम्र महज एक दिन की ही थी। उद्दघाटन के दिन इस आईसीयू में कुछ मरीजों को लाकर रखा गया। लेकिन उसी शाम इस आईसीयू में ताला जड़ा गया,जो आजतक नहीं खुल सका है।
16 बेड वाला यह आईसीयू अगर आज कार्यरत रहता, तो कोसी कछार के गरीब मरीजों को बहुत लाभ होता ।वे निजी नर्सिंग होम के मंहगे ईलाज से बचते। लेकिन यहां तो कुएं में भंग पड़ा हुआ है। ऐसे आलम के लिए सदर अस्पताल प्रबंधन पर आपराधिक मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए। आखिर जब आप किसी चीज को करीने से जमीन पर उतारने का माद्दा नहीं रखते हैं, तो फिर लाखों रुपये पानी में बेजा क्यों बहाते हैं। आखिर में हम यही कहेंगे कि “ऊपर वाले तूने देने में कोई कमी तो ना की,लेकिन किसे क्या मिला यह मुकद्दर की बात है।
सहरसा से पीटीएन मीडिया ग्रुप के सीनियर एडिटर मुकेश कुमार सिंह की खास रिपोर्ट