सिटी पोस्ट लाइव : पंचायत चुनाव में ड्यूटी से बचने के लिए कर्मचारी एक से बढ़कर एक बहाना बनाने में लगे हुए हैं. कुछ लोग बीमारी का तो कुछ एक्सीडेंट का बहाना बना रिपोर्ट बनवाने में लगे हैं. यही नहीं कईयों ने तो एक्सीडेंट में हाथ टूटने का बहाना बना प्लास्टर तक लगवा लिया है. इसमें कई ऐसे हैं जिन्हें हाई ब्लड प्रेशर और हाई शुगर मेडिकल टीम द्वारा जांचे में की तारीख तय करने के बाद हो गई.
आलम ये है कि फर्जी रिपोर्ट तक कर्मचारी सौंप रहे हैं. इसी क्रम में जब पांच दिन पहले मेडिकल जांच की तारीख तय हुई तो एक कर्मचारी का सात सितंबर को शुगर हाई हो गया. जब डॉक्टरों ने उससे पुरानी पर्ची व जांच रिपोर्ट मांगी तो वह नहीं दे पाया. इसी तरह एक कर्मचारी आठ अगस्त को अपने हाथ में फ्रैक्चर होने के बहाने डॉक्टर के समक्ष हाजिर हो गये.
उन्होंने मेडिकल टीम को डॉक्टर का प्रिस्क्रिप्शन व प्लास्टर चढ़ा हाथ तो दिखाया, लेकिन एक्सरे मांगा गया तो नहीं दे सके. इसी तरह एक युवा कर्मचारी ने पंचायत चुनाव से छुट्टी पाने के लिए बीमारी को कारण बताया। जब टीम के चिकित्सक ने इस मरीज के एक्सरे को देखा तो माथा पीट लिया.
डॉक्टर ने उन्हें रीढ़ की हड्डी का एक्सरे कराने के लिए प्रिस्क्रिप्शन में लिखा था और ये जनाब गले की हड्डी का एक्सरे रिपोर्ट लेकर पहुंच गये थे. इसके अलावा तीन कर्मचारी ऐसे निकले, जिनकी बीमारी वाली पर्ची पर तारीख दस सितंबर ही लिखी थी. गौरतलब है कि पंचायत चुनाव में कर्मचारी काम क्यों नहीं करना चाहते, इसमें उनकी अपनी अपनी राय है. लेकिन इस काम में भागीदार सरकारी कर्मचारी नहीं होंगे तो शायद निर्वाचन आयोग इसे निष्पक्ष तरीके से न कर पाए.