सिटी पोस्ट लाइव : बिहार सरकार के पूर्व मंत्री, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और विधानसभा अध्यक्ष रह चुके वरिष्ठ नेता सदानंद सिंह का लंबी बीमारी के बाद बुधवार को निधन हो गया. बिहार सरकार के विभिन्न पदों पर रहे सदानंद सिंह लोगों के बीच काफी लोकप्रिय थे. जैसे ही उनके निधन की खबर पहुंची सियासी महकमे में शोक की लहर दौड़ गई. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित विभिन्न दलों के राजनेताओं ने सदानंद सिंह के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है. पटना स्थित कांग्रेस मुख्यालय सदाकत आश्रम में शोक की लहर है और सदानंद सिंह के सम्मान में सदाकत आश्रम में झंडा झुका दिया गया है.
बता दें सदानंद सिंह की गिनती बिहार के सबसे अनुभवी कांग्रेसी नेताओं में होती थी. वह भागलपुर की कहलगांव विधानसभा सीट से 12 बार चुनाव लड़ चुके हैं जिसमें से 9 बार जीत दर्ज की है. उनके नाम सबसे ज्यादा बार विधानसभा चुनाव जीतने का रिकॉर्ड दर्ज है. साल 2015 में वह कांग्रेस के खराब प्रदर्शन के बावजूद अपनी सीट बचाने में सफल रहे थे. साल 1969 में सदानंद सिंह पहली बार कांग्रेस के टिकट पर विधायक बने थे. हालांकि 1985 में कांग्रेस ने उनका टिकट काट दिया, जिसके बाद उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की.
सदानंद को 1990 और 1995 के चुनाव में जनता दल और 2005 में जेडीयू प्रत्याशी के सामने हार का सामना करना पड़ा था. सदानंद सिंह 1990 से 93 तक जिला कांग्रेस कमेटी, भागलपुर के अध्यक्ष रहे. वह बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष भी रहे. कहलगांव में कांग्रेस को 1985,1990 और 1995 के चुनाव में लगातार शिकस्त मिली थी. लेकिन सदानंद सिंह ने कांग्रेस को फिर वापसी दिलाई. बता दें सदानंद सिंह सच्चे कांग्रेसी थे. उन्होंने अपना पूरा जीवन कांग्रेस पार्टी के नाम किया. 1969 से 2015 तक वो लगातार 12 बार कहलगांव सीट से चुनाव लड़े और नौ बार जीते. जाहिर है ऐसे बड़े शख्सियत को खोना कांग्रेस के लिए बहुत बड़ा नुकसान है. जिसकी भरपाई आने वाले दशकों में नहीं होने वाली.