12 घंटे तक चली रेड में अनुभूति श्रीवास्तव के पास मिले अकूत संपत्ति के सबूत

City Post Live

सिटी पोस्ट लाइव : बिहार में रिश्वतखोर सरकारी पदाधिकारियों के खिलाफ लगातार निगरानी विभाग की कार्रवाई जारी है. कल बुधवार को हाजीपुर नगर परिषद के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी अनुभूति श्रीवास्तव (Bihar Officer Anubhuti Srivastava) के पटना स्थित फ्लैट पर स्पेशल विजिलेंस (Special Vigilance Raid At Patna) की कार्रवाई में हैरान कर देनेवाले खुलासे हुए हैं. 12 घंटे से अधिक समय तक चली छापेमारी में निलंबित कार्यपालक पदाधिकारी अनुभूति श्रीवास्तव के पटना के रुकनपुरा स्थित अपार्टमेंट के फ्लैट में अकूत संपत्ति के कई सबूत मिले हैं.

अनुभूति श्रीवास्तव ने पटना में दो फ्लैट ले रखा है. इनका तीसरा फ्लेट इंदौर में भी है. इन दोनों फ्लैट से संबंधित एग्रीमेंट के सबूत विजिलेंस टीम को मिले हैं. इसके अलावा अनुभूति श्रीवास्तव ने अपने पत्नी और बच्चे के नाम से इंश्योरेंस और म्यूचुअल फंड की कई पॉलिसी भी ले रखी है. कार्यपालक पदाधिकारी 15 लाख रुपए से अधिक का प्रीमियम हर साल जमा करते हैं. निलंबित कार्यपालक पदाधिकारी के पास इनोवा, अर्टिगा जैसी लग्जरी गाड़ियां भी बरामद हुई हैं.

स्पेशल विजिलेंस यूनिट की तरफ से जो जानकारी दी गई है, उसके मुताबिक कई आपत्तिजनक कागजात भी छापेमारी के दौरान अनुभूति श्रीवास्तव के फ्लैट से हाथ लगे हैं. स्पेशल विजिलेंस की टीम को फिक्स डिपाजिट, एलआईसी रियल स्टेट समेत कई जगहों पर निवेश करने के डिटेल भी मिले हैं. कार्यपालक पदाधिकारी के आवास से कैश भी मिले हैं. हालांकि, बरामद रकम को लेकर फिलहाल कोई खुलासा नहीं हुआ है. कार्यपालक पदाधिकारी के पास से जो संपत्ति मिली है उसमें से कई के डिटेल सरकार के पास जमा रिकॉर्ड में दर्ज नहीं है, यही नहीं कई बार महंगी टिकट लेकर अनुभूति श्रीवास्तव फ्लाइट से सफर भी कर चुके हैं.

अनुभूति श्रीवास्तव मॉरीशस की यात्रा कर चुके हैं. डीएसपी के नेतृत्व में 10 अधिकारियों की टीम ने बुधवार को उनके आवास पर 7 बजे से छापेमारी शुरू की थी और 12 घंटे से अधिक समय तक यह छापेमारी चली. गौरतलब है कि 18 अगस्त को ही हाजीपुर नगर परिषद के पदाधिकारी के पद पर तैनात अनुभूति श्रीवास्तव को निलंबित कर दिया गया था. पटना के स्पेशल विजिलेंस थाने में इनके खिलाफ केस संख्या 1/2021 दर्ज है. हाजीपुर से पहले अनुभूति श्रीवास्तव की पोस्टिंग भभुआ में थी. भभुआ नगर परिषद में भी उनके पर वित्तीय अनियमितता के गंभीर आरोप लगे थे.

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