संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनीसेफ) की भारत में प्रतिनिधि डॉ. यास्मीन अली हक ने कहा कि यदि हर परिवार शौचालय बनाकर उसका इस्तेमाल करे तो उन्हें सालाना 50 हजार रुपए की बचत हो सकती है। डॉ. हक ने चलो चंपारण सत्याग्रह से स्वच्छाग्रह के संदर्भ में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में शौचालय के आर्थिक महत्व का उल्लेख करते हुए कहा कि यूनीसेफ के एक सर्वेक्षण के अनुसार यह अनुमान लगाया गया है कि यदि हर परिवार शौचालय बनाता और उसका प्रयोग करता है तो वह सालाना 50000 रुपए बचा सकता है। उन्होंने कहा कि शौचालय निर्माण से ज्यादा महत्वपूर्ण, लोगों को उसका प्रयोग और उसकी सफाई के प्रति जागरूक करना है और इसमें मीडिया की भूमिका काफी महत्वपूर्ण है। यूनीसेफ प्रतिनिधि ने कहा कि यदि कोई स्वच्छता में एक रुपए का निवेश करता है तो उसे चार रुपए 30 पैसे का रिटर्न मिलता है।
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