न्यायधीश उत्तम आनंद की हत्या में धनबाद एसएसपी की भूमिका संदिग्ध : बाबूलाल

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रांची: भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को शनिवार को पत्र लिखा है। मरांडी ने लिखा कि मुख्यमंत्री आप झारखंड को किस दिशा में ले जा रहे हैं। पूरे सूबे की कानून व्यवस्था तार-तार हो रही है। धनबाद में जज उत्तम आनंद की षडयंत्र के तहत की गई हत्या ने मौजूदा विधि-व्यवस्था की पोल खोलकर रख दी है। आप इनके परिवार से मिले एवं संवेदना भी व्यक्त की। आनेवाले दिनों में इनके परिवार के किसी सदस्य को सरकारी नौकरी और दूसरी मिलने वाली अन्य सुविधा भी आप देंगे।

 

लेकिन सवाल है झारखंड की विधि-व्यवस्था की। क्या इससे अपराध रूक जाएगा। क्या ऐसी घटनाएं दोबारा नहीं होंगी। इसी संदर्भ में हम आपका ध्यान मौजूदा धनबाद के एसएसपी संजीव कुमार के पिछले बतौर पलामू एसपी के कार्यकाल में घटित एक हैरान करने वाली घटना एवं उसमें पुलिस की अकर्मण्यता, लापरवाही एवं उदासीनता की ओर आकृष्ट कर रहे हैं, जो यह बताने के लिए काफी है कि ऐसे अयोग्य पुलिस ऑफिसर को धनबाद जैसे संवेदनशील तथा महत्वपूर्ण जिले में पुलिस प्रमुख के पद पर तैनात किया जाएगा तो जज की हत्या जैसे दिल को दहला देने वाली घटना सहित वहां के अपराधिक घटनाओं पर आखिर कैसे काबू पाया जाएगा।

लिखा कि आप ही बताइए मुख्यमंत्री कि इतने गंभीर मामले में तो वहां के एसपी संजीव कुमार पर आपको कठोर कार्रवाई करना चाहिए था, लेकिन इसके बदले आपने ऐसे अयोग्य और नकारा पुलिस अधिकारी को पदोन्नति देते हुए धनबाद जैसे महत्वपूर्ण एवं संवेदनशील जिले का एसएसपी बनाकर पदोन्नति कर दी। धनबाद के जज उत्तम आनंद की हत्या ऐसी ही एक साजिश है।

 

इस पूरे घटनाक्रम में पुलिस की भूमिका भी संदिग्ध है और इसकी निष्पक्ष जांच सीबीआई ही कर सकती है, क्योंकि कटघरे में यहां की पुलिस तंत्र ही है। आज पूरा झारखंड आप से उम्मीद कर रहा है कि न्याय करनेवाले जज दिवंगत उत्तम आनंद को इंसाफ कब मिलेगा। इस पूरे मामले की कार्रवाई एवं निष्पक्ष जांच के लिए पहले आप धनबाद में पदस्थापित एसएसपी संजीव कुमार को वहां से हटांए, निलंबित करें एवं ऐसे स्वच्छन्द पदाधिकारी पर विभागीय कार्रवाई शुरू की जाय, ताकि धनबाद में जज की षड्यंत्रपूर्वक किए गए हत्या की जांच निष्पक्ष एवं पारदर्शी तरीके से हो सके।

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