सिटी पोस्ट लाइव: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सांसद महुआ मोइत्रा ने आईटी कमिटी की मीटिंग में ‘बिहारी गुंडा’ शब्द का इस्तेमाल किया था. जिसके बाद अब बिहार में सियासी पारा चढ़ गया है. इस विवादित बयान को लेकर हंगामा मच गया है. इसे लेकर भाजपा सांसद ने विरोध किया है तो वहीं, कांग्रेस ने सभी दलों को मिलकर विरोध जताने की बात कही है. वहीं, राजद ने इसका कहीं न कहीं बचाव किया है.
इस मामले में भाजपा के सांसद निशिकांत दुबे ने इस बयान से बिहारियों का अपमान करने की बात कही है. उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि, लोकसभा स्पीकर जी अपने 13 साल के संसदीय जीवन में पहली बार गाली सुना, तृणमूल कॉंग्रेस की सदस्य महुआ मोइत्रा द्वारा बिहारी गुंडा आईटी कमिटि के मीटिंग में तीन बार बोला गया. ओम बिड़ला जी, शशि थरूर जी ने इस संसदीय परम्परा को ख़त्म करने की सुपारी ले रखी है.” उन्होंने इस बयान को हिंदी भाषी प्रदेश के लोगों के साथ नफरत फैलाने वाला बयान भी कहा है.
वहीं, दूसरी तरफ भाजपा के विधायक हरी भूषण ठाकुर ने इस मामले में कार्रवाई करने की भी मांग की है. इस मामले को लेकर सियासी पारा इतना चढ़ चूका है कि कांग्रेस ने भी इस मामले में साथ मिलकर विरोध करने की बात कही. दरअसल, कांग्रेस एमएलसी प्रेमचंद्र मिश्रा ने सभी दलों को एकजुट होकर विरोध जताने की बात कही. वहीं, राजद ने इसका बचाव किया है. दरअसल, राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी का कहना है कि बिहार के बारे में ऐसी भाषा बर्दाश्त नहीं की जाएगा पर यह भाषा बीजेपी के उन नेताओं के प्रति दी गई होगी जो बंगाल में हंगामा मचाते रहे हैं.
बता दें कि, बिहारी गुंडे वाले बयान को लेकर बिहार में गरमाने के बाद अब टीएमसी एमपी महुआ मोइत्रा ने उनके ऊपर लगाये गए आरोपों का खंडन किया है. उन्होंने ट्विटर के जरिये लिखा कि, “नेम-कॉलिंग के आरोपों पर मुझे थोड़ी हंसी आ रही है. आईटी की मीटिंग हुई ही नहीं क्योंकि सदस्यों का कोरम ही पूरा नहीं हुआ. मैं कैसे किसी को कोई नाम दे सकती हूं जब वह वहां मौजूद ही नहीं था. अटेंडेंस शीट चेक कीजिए.”