सिटी पोस्ट लाइव : बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और HAM सुप्रीमो जीतन राम मांझी ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पर आरोप लगाते हुए कहा कि वे अध्यक्ष को धमकी दे रहे हैं। दरअसल मॉनसून सत्र के विपक्ष के बहिष्कार के बाद अध्यक्ष के चैंबर में सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेताओं की मौजूदगी में कार्य मंत्रणा समिति की बैठक हुई और बैठक के बाद बजट सत्र में विपक्षी विधायकों की पिटाई के मुद्दे पर सहमति बनी । विशेष चर्चा में भाग लेते हुए पूर्व सीएम जीतन राम मांझी भावुक भी होते दिखे । उन्होंने कहा कि शायद ये मेरी आखिरी पारी हो अगला चुनाव लड़ू न लड़ू ।
पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने इस दौरान अपनी बात रखते हुए कहा कि निश्चित तौर सदन में हुई घटना निंदनीय है। ये बात हम अपने 36 साल के सदन के अनुभव के आधार पर कह रहे हैं। इसके बाद उन्होंने एक किस्सा भी साझा किया। हम प्रमुख ने कहा कि एक बार मार्शल आउट का आदेश विधानसभा अध्यक्ष ने दिया था। उस समय अजीत सरकार ने अध्यक्ष के आदेश का विरोध किया था। इसके बाद सत्ता पक्ष और कुछ विपक्षी सदस्य अध्यक्ष की कुर्सी पर जाकर बैठ गए थे, जो उन्हें नहीं करना चाहिए था। मांझी ने कहा कि तब भी आसन को कार्रवाई करनी पड़ी थी। मांझी ने कहा कि तब भी सदन में रघुवंश बाबू और कर्पूरी ठाकुर जैसे नेता होते थे. पक्ष हो या विपक्ष एक या दो लोग ही ऐसे होते हैं।
इसके बाद जीतनराम मांझी ने तेजस्वी यादव की उस बयान पर उन्हें आड़े हाथों लेते हुए कहा जिसमें तेजस्वी यादव ने कहा कि अगर विपक्ष के विधायकों ने गलती की है तो उसकी सजा मुझे दी जाए। मांझी ने कहा कि ऐसा कैसे हो सकता है कि गलती कोई करें और सजा दूसरा भुगते । उन्होंने कहा कि ऐसा कह नेता प्रतिपक्ष आसन को धमकाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष आसन को किसी न किसी रूप में धमकी देते रहते हैं। ऐसे में मेरी आसन से मांग है कि इस मामले पर कार्रवाई करनी चाहिए। विधानसभा अध्यक्ष को इस मामले को गंभीरता से लेते हुए धमकी देने वाले नेता के खिलाफ एक्शन लेना चाहिए।