सिटी पोस्ट लाइव : हर साल बेगूसराय में नाग पंचमी के मौके पर नदी से सांप निकाल कर आस्था के नाम पर लोग जान खिलवाड़ करते हैं । दरअसल मनसुरचक प्रखंड के आगापुर में वर्षो से नाग पंचमी के अवसर पर विषैले सांपों को पकड़ कर अपने गले में एवं हाथों में उठाते हैं। इतना ही नहीं भगत के द्वारा नदी में डुबकी लगा कर सैकड़ों सांप को निकाला भी जाता है। नाग पंचमी को लेकर बेगूसराय जिले के दर्जनों जगहों पर सांपों एवं भगवती की पूजा की जाती है और इस दौरान पुजारी तरह-तरह के करतब भी दिखाते नजर आ रहे आते हैं ।
लेकिन कोरोना संक्रमण को देखते हुए इस वर्ष सरकार के द्वारा सार्वजनिक रूप से धार्मिक कामों एवं भीड़ भाड़ लगाने की मनाही की गई थी। लेकिन लोगों ने न तो सरकार एवं करोना प्रोटोकॉल के नियमों का ही पालन किया और ना ही सांपों के काटने से होने वाले खतरे का ही ख्याल किया। तस्वीरों में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है की किस तरह लोग अपनी जान को जोखिम में डालकर भीड़भाड़ किए हुए हैं।
बता दें श्रवण मास के शुक्ल पक्ष पंचमी तिथि के दिन नाग देवताओं की पूजा की प्रथा है। इस पूजा में मुख्य रूप से प्रसाद के रूप में सबसे पहले लोग नीम और दही ग्रहण करते हैं। इसके बाद नाना प्रकार के व्यंजन बनते हैं। मौसमी फलों में आम और कटहल का इसमें विशेष प्रचलन है। घर-घर में नाग पंचमी के दिन मुख्य रूप से खान पान शाकाहारी रूप में होते हैं। नाग पंचमी के दिन विषहर गह्वर में भगतई की प्रथा बड़े ही धूमधाम से मनाई जाती है।
इस मौके पर गह्वर के भगत बड़े ही तामझाम व ढोल मजीरा के साथ तालाब में स्नान के लिए जाते हैं। वहां भगत लोग स्नान के दौरान तालाब से सांप निकालने का करिश्मा दिखाते हैं। जिसे देखने दूर-दूर से लोग पहुंचते हैं। इसके बाद गह्वर में भगत का भगतई शुरू हो जाता है। वहां श्रद्धालु मनोवांछित फल के लिए आशीर्वाद लेने बड़ी संख्या में पहुंचते हैं।
बेगूसराय से सुमित कुमार की रिपोर्ट
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