रिलायंस कम्युनिकेशन ने अपने 48600 कर्मचारियो को नौकरी से निकाला

City Post Live

गौरतलब है कि कंपनी में कुल 52,000 कर्मचारी थे जिनमें से अब 94 फीसदी कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया गया है.गौरतलब है कि विभिन्न मोबाइल कंपनियों के बीच प्राइस वार छिड़ा हुआ है.जिसका परिणाम ये है कि कंपनियों का प्रॉफिट बहुत कम हो गया है.घाटा न हो इसलिए कंपनी से छटनी शुरू कर दी है.

सिटी पोस्ट लाइव  : अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशन ने अपने 48600 कर्मचारियो को नौकरी से निकाल दिया है. अब यह कंपनी केवल 3,400 लोगों के भरोसे चलेगी. गौरतलब है कि कंपनी में कुल 52,000 कर्मचारी थे जिनमें से अब 94 फीसदी कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया गया है.गौरतलब है कि विभिन्न मोबाइल कंपनियों के बीच प्राइस वार छिड़ा हुआ है. ये कंपनियां लगातार अपने यूजर्स के लिए सस्ते और बेहतरीन प्लान पेश कर रही हैं. इस तरह कंपनियों के इस प्राइस वॉर से लोगों को तो फायदा हो रहा है, लेकिन इस प्राइस वॉर के चक्कर में कई कंपनियों को भारी नुकशान हो रहा है या फिर उनका मुनाफा बहुत कम हो गया है.

एयरटेल, आइडिया, वोडाफोन और क्षेत्र में आयी नई कंपनी रिलायंस जियो के बीच शुरू हुए कम्पीटीशन के कारण  शुल्क में होनेवाली कटौती  से वायरलेस क्षेत्र में वित्तीय लेखाजोखा प्रभावित हुआ है. अब जब 18 जनवरी को आरकॉम बी2सी  सेवा से बाहर हो गई है. एक समय रिलांयस के 12 करोड़ ग्राहक थे, लेकिन अब आरकॉम के पास दुनियाभर में सिर्फ 35,300 बीटूबी ग्राहक है, जिसमें से कंपनी के सबमरीन केबल ग्राहक भी शामिल है. कंपनी के सबमरीन केबल के पूरे विश्व में कुल ग्राहक 300 ग्राहक हैं.

कंपनी का वायरलेस ऑपरेशनल बिजनेस हायपर कॉम्पटीशन, बड़ी जरूरतों और वित्तीय तनाव से पूरी तरह से बदल गया है. एयरटेल, वोडाफोन, आइडिया और रिलायंस जियो के सस्ते प्लान्स के वॉर में वायरलेस सेक्टर की सभी महत्वपूर्ण फाइनेंशियल मेट्रिक को डाउन कर दिया है. ट्राई द्वारा जारी की गई एक नई रिपोर्ट में साफ है कि वायरलेस बिजनेस बड़ी तेजी से नीचे जा रहा है. इसमें सालान 21% राजस्व की गिरावट देखी जा रही है.अगर यहीं हाल रहा तो मोबाइल कंपनियों को आगे भी अपने कर्मचारियों की संख्या घटाने के लिए बाध्य होना पड़ेगा.

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