सिटी पोस्ट लाइव : बिहार में शराबबंदी का मखौल उड़ाने की खबर अक्सर सामने आती है. कई मामलों में पुलिस कार्रवाई करती है तो कई मामले ऐसे ही रफा-दफा कर दिए जाते हैं. शराब माफिया बड़े शान से शराब का धंधा करते हैं. पहले इस तरह का धंधा पुरुष किया करते थे. लेकिन अब इस शराब पीने-पिलाने के धंधे में महिलायें भी कूद गई है. ताजा मामला नवादा जिले से सामने आई है. जिले के वारिसलीगंज थाना से सटे वारिसलीगंज रेलवे गुमटी पर शराब पीने-पिलाने का धंधा महिलाओं द्वारा चलाया जा रहा है. इस मयखाने में महिलाओं के द्वारा लोगों को शराब परोसा जा रहा है.
आपको बता दें कि 2015 में नीतीश कुमार भारतीय जनता पार्टी से अलग होकर राष्ट्रीय जनता दल के साथ महागठबंधन की छतरी के तले बिहार विधानसभा का चुनाव लड़े. उस वक्त पुरुषों की शराब की लत से परेशान महिलाओं ने पारिवारिक कलह, घरेलू हिंसा, शोषण व गरीबी का हवाला देते हुए राज्य में शराबबंदी की मांग की थी. नीतीश कुमार ने वादा किया कि अगर वे फिर सत्ता में आए तो शराबबंदी लागू कर देंगे. आधी आबादी ने उन पर भरोसा किया और महिलाओं का मतदान प्रतिशत 59.92 से ज्यादा हो गया. कई क्षेत्रों में 70 फीसदी से अधिक महिलाओं ने मतदान किया. नीतीश विजयी हुए और सत्ता में लौटते ही राज्य में शराबबंदी की घोषणा कर दी.
जानकारों की माने तो असली धंधेबाज या फिर उन्हें मदद करने वाले ना तो पकड़ में आ रहे और ना ही उन पर किसी की नजर है.” जाहिर है, जब तक असली गुनाहगार पकड़े नहीं जाएंगे तबतक राज्य में शराबबंदी कानून की धज्जियां उड़ती ही रहेंगीं. वैसे बता दें कि इस धंधे में कमाई अच्छी है. ये अलग है कि बिहार में ये अपराध है लेकिन इस काम में मोटी कमाई हो जाती है. यही वजह है कि इस गलत काम में पुरुष के साथ महिलाएं भी शामिल होने लगी है.
नवादा से दिनेश गुप्ता की रिपोर्ट