जीतन राम मांझी ने परंपरा के लिए शराब में छूट की मांग की है.उन्होंने कहा कि हमारे घर में भी देवी-देवता को शराब चढ़ाया जाता है,इसलिए शराब में दलित समाज को छूट मिलनी चाहिए .मांझी ने कहा कि शराबबंदी से जनता को की फायदा नहीं हुआ बल्कि बिहार के कई अधिकारी शराबबंदी से करोड़पति हो गए हैं. बिहार में गुजरात की तरह शराबबंदी कानून बनाने की मांग करते हुए मांझी ने कहा कि नीतीश कुमार चुनावी मोड में आ गए हैं, इसलिए शराबबंदी में संशोधन की बात कर रहे हैं. रामविलास भी दलितों को भरमाने में जुटे हैं. मांझी ने कोरेगांव के लोगों को नक्सली के रूप में प्रताड़ित किये जाने का आरोप लगाते हुए कहा कि अपनी मांगों को उठाने वाले दलितों को लोग नक्सली कह देते हैं.
सिटी पोस्ट लाइव : हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और एलजेपी सुप्रीमो रामविलास पासवान दोनों पर एकसाथ करारा हमला किया है. मांझी ने गुरुवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा कि नीतीश कुमार चुनावी मोड में आ गए हैं, इसलिए शराबबंदी में संशोधन की बात कर रहे हैं. रामविलास भी दलितों को भरमाने में जुटे हैं. मांझी ने कोरेगांव के लोगों को नक्सली के रूप में प्रताड़ित किये जाने का आरोप लगाते हुए कहा कि अपनी मांगों को उठाने वाले दलितों को लोग नक्सली कह देते हैं. केंद्र सरकार दलितों पर हो रहे अत्याचार को रोकने के लिए किसी तरह का कदम नहीं उठा रही है.
बिना यूपीएसएसी के ज्वाइंट सेक्रेटरी बनाने के केंद्र सरकार के फैसले को मांझी ने संवैधानिक संस्था के साथ छेड़छाड़ करार देते हुए कहा कि सिड्यूल कास्ट के लोग केंद्र के इस फैसले से आहत हैं. बिहार में शराबबंदी को तालिबानी कानून बताते हुए मांझी ने कहा कि सरकार जनता से माफी मांगते हुए इसे खत्म करे. लोग मद्दनिषेध और बालू कानून को वापस करना चाहते हैं. इससे न केवल पिछड़े समाज के लोगों आर्थिक रूप से नुकसान पहुंच रहा है, बल्कि उनके रोजगार पर भी संकट छा गया है.