सिटी पोस्ट लाइव : अपने सिद्धांत एवं दृढ़ इच्छाशक्ति से कभी समझौता नहीं करते हुए हमेशा आगे बढ़ने वाले ,स्थानीय लोगों को हमेशा प्रेरित करने व आगे की सोच रखने वाले बरौनी क्षेत्र के शोकहारा दो पंचायत निवासी खाद्य व्यवसायी सह लोकप्रिय समाजसेवी मार्कण्डेय मिश्र उर्फ बाबु का निधन लगभग 88 वर्ष के उम्र में हृदयाघात के कारण हो गया। इस संबंध में उनके छोटो पुत्र अविनाश कुमार उर्फ सुग्गा ने बताया कि उनके पिता की तबियत 9 जुलाई की दोपहर अचानक खराब हो गई थी।
जिसके बाद अपने मित्र एवं सगे संबंधियों की मदद से बरौनी के नीजी क्लिनिक लाइफ लाइन में भर्ती कराया गया। जहां 10 जुलाई की रात 8:30 बजे के लगभग उन्होंने अंतिम सांस लिया।वे वेंटिलेटर पर थे।श्री मिश्र के निधन की खबर सुनते है स्थानीय लोग एवं समाजसेवी उनके आवास पर अंतिम दर्शन करने को भाड़ी संख्या में पहुंचने लगे।भाड़ी बारिश के बीच लगातार लोगों के आने जाने का शिलशिला चलता रहा।
हर कोई यही कह रहा था समाज के एक पुरोधा व एक अध्याय समाप्त हो गया था।स्थानीय लोगों की मानें तो 1975 के दशक में जब इस क्षेत्र में कांग्रेस और सीपीआई का खौफ और दबदबा था।उस समय में स्व मार्कण्डेय मिश्र निडरता एवं प्रखरता से भाजपा के समर्थन में अपनी बातों व संगठन के विचारों को निडरता और प्रखरता से लोगों के बीच रखा करते थे।वे हमेशा लोगों को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित और उत्साहित करते थे।उनका निधन समाज के लिए अपूर्णीय क्षति है।
मौके पर साहित्यकार कृतनारायण मिश्र,शिक्षाविद गौरीजी ,व्यवसायी शिव कुमार केजरीवाल,संजय सिंह,टीपू जी,ललन सिंह सहित सैकड़ों लोगों व राजेन्द्र रोड के सभी व्यवसायियों ने उनके आवास पर पहुंचकर उनका अंतिम दर्शन किया एवं श्रद्धांजलि दी।उनका अंतिम संस्कार 11 जुलाई को पूरे विधि विधान के साथ सिमरिया गंगा घाट पर किया गया।