चिराग ने कहा- अपनों ने धोखा दिया तो गैरों से शिकवा क्या, सीएम नीतीश की नीतियों से नाराजगी

City Post Live - Desk

सिटी पोस्ट लाइव : लोक जनशक्ति पार्टी में टूट के बाद से लोजपा सुप्रीमो चिराग पासवान आहत हैं. उनकी परिस्थिति ऐसी है कि वो अपना दर्द भी किसी को बयां नहीं कर सकते हैं. पिछले दिनों उनके चाचा पशुपति पारस ने चार सांसदों के साथ लोजपा में बगावत कर दी. इतना ही नहीं चारों सांसदों के साथ मिलकर खुद को पार्टी का अध्यक्ष बना लिया. लोजपा को पशुपति पारस ने अपनी पार्टी बताते हुए जहां चिराग पासवान को अलग कर दिया वहीं चिराग पासवान ने भी पार्टी की बैठक कर सभी सांसदों को पार्टी से निष्कासित कर दिया. यही नहीं पार्टी किसकी है इस बात का फैसला कोर्ट पर छोड़ दिया और कहा कि ये कानूनी लड़ाई लम्बी चलने वाली है.

बता दें आज चिराग पासवान ने एक चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा कि मुझे किसी से कोई बैर नहीं. मैं किसी भी पार्टी पर इस टूट के लिए आरोप नहीं लगाऊंगा. उन्होंने कहा कि जब अपनों ने ही धोखा दिया तो किसी और से शिकवा क्या. यदि आज अपनों का साथ मिला होता तो शायद कुछ कह पाता. उन्होंने अपने पिता का जिक्र करते हुए कहा कि वे भी यही चाहते थे कि लोजपा विधानसभा का चुनाव अकेले लड़े. क्योंकि नीतीश कुमार की नीतियां उन्हें भी कभी पसंद नहीं आई. चिराग ने कहा कि सीएम नीतीश जो योजना लागू करते हैं, चाहे नल-जल हो या हर गली सड़क, इन सब से युवाओं को क्या फायदा मिल रहा है.

बिहार में क्या विकास हो रहा है ये बिहार के युवाओं को अच्छी तरह पता है. उन्हें आज भी रोजी-रोटी के लिए दूसरे प्रदेशों में जाना पड़ता है. चिराग ने कहा कि विधानसभा चुनाव  लड़ने से पहले पार्टी के सभी नेताओं और सांसदों से इसके बारे में जानकारी ली गई थी. बैठक में सभी नेताओं ने अकेले चुनाव लड़ने का फैसला लिया था. यदि पशुपति पारस को इससे आपत्ति थी तो वो मुझे कहते कि ये गलत है. या मुझे डांटते, लेकिन उन्होंने उस वक़्त तो चुनाव लड़ने के लिए सहमती दी थी. वहीं चिराग ने तेजस्वी के बयान पर कि नीतीश सरकार दो महीने में गिर जाएगी पर कहा कि हाँ मैं इससे सहमत हूँ, क्योंकि मैंने खुद सरकार दो साल में गिरने की बात कही थी.

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